बरेली: खर्च 200 रुपये तो 50 रुपये में कैसे भरेगा गोवंशीय पशुओं का पेट

निराश्रित गोवंश के चारा और भूसे के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 रुपये प्रति पशु बढ़ाई राशि

बरेली: खर्च 200 रुपये तो 50 रुपये में कैसे भरेगा गोवंशीय पशुओं का पेट

बरेली, अमृत विचार। सरकार ने छुट्टा गोवंशीय पशुओं के भरण-पोषण की राशि पिछले महीने 30 रुपये से बढ़ाकर प्रति गोवंशीय पशु 50 रुपये कर दी। डीबीटी के माध्यम से यह धनराशि पशुपालकों के खातों में पहुंच रही है लेकिन पशुपालकों का कहना है कि इतनी धनराशि में तो पशुओं पेट भरना मुश्किल हो रहा है। एक गोवंश के लिए रोजाना 150 से 200 रुपये की खुराक मिले तब जाकर पेट भरेगा।

जिले की बात करें तो शहर और ग्रामीण क्षेत्र की 60 गोशालाओं में करीब 13253 गोवंशीय संरक्षित हैं। इसके अलावा करीब दो हजार गोवंशीय पशु सुपुर्द किए जा चुके हैं। अपर निदेशक पशुपालन डाॅ. ललित वर्मा ने बताया कि गोशालाओं में संरक्षित और सुपुर्दगी में दिए गए गोवंशीय पशुओं के लिए 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बजट आवंटित किया जाता था और इसके बाद विभाग पशुपालकों के खातों में पैसा भेजता था। 

अब डीबीटी के माध्यम से लखनऊ से सीधे पैसा भेजा जा रहा है, जबकि गोशालाओं में संरक्षित पशुओं की देखभाल के लिए रखे गए केयर टेकरों को निर्धारित मानदेय पूर्व की तरह की भेजा जा रहा है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक एक पशु एक दिन में 10 से 15 किलो चोकरयुक्त भूसा खाता है। इस समय चोकर 25 रुपये किलो और भूसा 12 रुपये किलो है। इस लिहाज से एक दिन की खुराक 200 रुपये बनती है। सरकार ने 30 रुपये से बढ़ाकर अब 50 रुपये कर दिए हैं लेकिन इतने में गोवंशीय पशुओं का पेट भरना मुश्किल है।

ये भी पढ़ें- बरेली: लेखपालों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे किसान, जानें पूरा मामला