कलयुगी मां ने नवजात को कूड़े के ढेर पर फेंका, आवारा कुत्तों ने नोचा

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Published By Jagat Mishra
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डाक्टरों ने सीआरपी देकर बचाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे

उरई / जालौन, अमृत विचार। मां के दिल जैसा दुनियां में कोई दिल नहीं… इस गीत को आज एक कलयुगी मां ने गलत साबित कर दिया। कलयुगी मां ने अपनी कोख में जिसे नौ माह तक पाला और प्रसव पीड़ा को सहते हुए जन्म दिया, उसी नवजात को कूड़े के ढेर पर फेंक दिया। दो या तीन दिन पहले जन्म लेने वाली नवजात को बेटी होने की सजा बेटों से प्यार करने वालों ने मौत के रूप में दी है। 

जानकारी के अनुसार उरई कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला लहरियापुरवा में एक नवजात कूड़े के ढेर पर पड़ी हुई थी। कूड़े के ढेर पर पड़ी नवजात को कुत्ते आपस में लड़कर नोंच रहे थे। यह देखकर मालती वर्मा व एक अन्य महिला का दिल ममता से भर उठा। वह बगैर समय गवाएं दौड़कर नवजात को कुत्तों के झुंड से बचाने के लिए पहुंच गई। कूड़े के ढेर से घायल नवजात को उठाया और अपने सीने से लगाकर सीधे जिला महिला अस्पताल उपचार कराने पहुंच गई। जहां महिला अस्पताल के चिकित्सकों ने नवजात को देखा और उस मां की ममता को महसूस किया तो सबकुछ जानते हुए भी सीआरपी देकर बचाने का प्रयास किया। मगर नवजात के सिर में घाव होने के कारण उसकी मौत हो गई।  इस घटना की सूचना तत्काल महिला अस्पताल के चिकित्सकों ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही उरई कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने नवजात के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए, भेज दिया। 

इस घटना के बारे में बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची मालती वर्मा ने बताया कि वह अपने घर के बाहर कुत्तों को लड़ते हुए देखा। वहीं पर नवजात पर झपट्टा मारते हुए कुत्तों को देखा तो छुड़ाया और यहां महिला अस्पताल ले आई। वही इस मामले के बारे में महिला अस्पताल के डॉक्टर अब्दुल कद्दूस ने बताया कि एक नवजात बच्ची को लाया गया था, जो पूरी तरह से ठंडी पड़ चुकी थी। उसे सीआरपी देकर बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। डॉक्टर के मुताबिक नवजात शिशु एक या दो दिन पहले ही जन्मा है।

आंसुओ के सैलाब में बाहर आई मालती की ममता
शहर के मुहल्ला लहरियापुरवा निवासी मालती देवी जब कूड़े के ढेर पर पड़ी नवजात को कुत्तों से छुड़ाकर अस्पताल पहुंची तो उसकी आंखो में आंसू थे और जैसे ही डाक्टरों ने उस अनजान नवजात की मौत की पुष्टि की तो आंखो के आंसू ममता के रूप में सैलाब बनकर बाहर आ गए। वह जोरजोर से रोने लगी। उसके साथ आई महिला भी अपने आंसू रोक नहीं पाई। यह देखकर वहां अस्पताल स्टॉफ से लेकर मौजूद लोग कह उठे देखो एक यह महिला है जो दूसरे की बच्ची के लिए तड़प उठी और एक वह कलयुगी मां है जिसने कोख से जन्म देने के बाद उसे कूड़े के ठेर पर फेंक दिया। वहां मौजूद सभी मालती की तारीफ कर रहे थे।

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