लखीमपुर खीरी: सरेआम सिपाहियों की हुई थी पिटाई, इंस्पेक्टर बोले- धक्कामुक्की, चश्मदीद हैरान

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Published By Om Parkash chaubey
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बस चालक की तहरीर पर हिस्ट्रीशीटर समेत तीन पर रिपोर्ट दर्ज, हिस्ट्रीशीटर द्वारा सिपाहियों को दौड़ाकर पीटने का मामला

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: प्रमुख चौराहा.. सैकड़ों लोगों और व्यापारियों की मोजूदगी के बीच हिस्ट्रीशीटर और उसके साथियों द्वारा दो सिपाहियों को पीटा जाना पुलिस के इकबाल पर बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। इंस्पेक्टर तिकुनियां पुलिस का इकबाल कायम रखने के लिए झूठ पर झूठ बोलते जा रहे हैं। उनका कहना है कि पिटाई नहीं हुई। सिर्फ धक्का मुक्की हुई। इंस्पेक्टर के इस बयान से चश्मदीद रहे लोग हैरत में हैं।

इतना ही नहीं कानून पर हमला करने वाले शातिर किस्म के अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की गई रिपोर्ट में भी बड़ा खेल सिर्फ इसलिए कर दिया कि उसकी साख को बट्टा न लग सके।  थाना सिंगाही क्षेत्र का हरद्वाही बाजार चौराहा प्रमुख चौराहा है। यहां बड़ी संख्या में दुकानें हैं और भारी भीड़ भाड़ लगती है। पेराई सीजन चलने के कारण बेलरायां चीनी मिल को भी इसी चौराहा से होकर गन्ने की आपूर्ति की जाती है।

रविवार की शाम चार बजे जब कोतवाली तिकुनियां की पुलिस चौकी बेलरायां के सिपाही संजीव कुमार और सोविंद्र कुमार को ग्राम तकियापुरवा निवासी शातिर अपराधी हिस्ट्रीशीटर सोनू ने अपने अन्य साथियों के साथ दौड़ा दौड़ा कर पीटा था। इससे चौराहा समेत पूरे क्षेत्र में दहशत व्याप्त हो गई थी।

घटना के बाद मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज और इंस्पेक्टर ने घटना को दबाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सीओ के पहुंचने के बाद पुलिस हरकत में आ गई और धरपकड़ शुरू कर दी थी। सीओ निघासन यादवेंद्र सिंह ने सिपाहियों की पिटाई होने की बात स्वीकार की थी, लेकिन प्रभारी निरीक्षक तिकुनियां मनोज कुमार अभी भी खाकी की पिटाई को छुपा रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ धक्का मुक्की हुई थी।

जबकि जिस वक्त घटना हुई उस वक्त चौराहा भीड़ भाड़ से गुलजार था। व्यापारी भी अपनी दुकानों पर बैठे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरोपियों ने बेखौफ होकर फिल्मी स्टाइल में सिपाहियों को पीटा था। इंस्पेक्टर के धक्का मुक्की के बयानों पर व्यापारी और आसपास मोजूद लोग भी हैरत में हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस इतनी बड़ी घटना छुपा रही है। इससे शातिर अपराधियों के हौसले और बुलंद होंगे।

वह जब कानून के रखवालों पर हमला करने से नहीं चूक रहे तो आम लोगों का क्या हश्र होगा। इसी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उधर पुलिस ने इस मामले में एक और नया खेल किया है। पुलिस देर रात तक बस मालिक पर चालक की तरफ से तहरीर दिलवाने का दबाव बनाती रही और सफल भी हो गई।

पुलिस ने सिपाहियो की तरफ से रिपोर्ट लिखने के बजाय निजी बस के परिचालक की तरफ से गांव तकिया पुरवा निवासी हिस्ट्री शीटर सोनू पुत्र साकिर, सलमान पुत्र तैय्यब और तहबुद्दीन पुत्र तैय्यब के खिलाफ मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस खाकी पर हमला करने वाले शातिर अपराधियों के प्रति कड़ा रुख अख्तियार नहीं कर पा रही।

इसकी वजह घटना को छुपाने की कोशिश मानी जा रही है। सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। पुलिस ने बस चालक की तरफ से दर्ज की गई रिपोर्ट में इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है। हालांकि रिपोर्ट में सिपाहियों पर हमला करने की बात लिखी गई है। पुलिस अभी भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। 

पहले भी कई बार पिट चुकी है पुलिस: पुलिस की पिटाई करने वाले हिस्ट्री शीटर समेत तीनों आरोपी कोतवाली तिकुनियां के गांव तकिया पुरवा के निवासी हैं। इस गांव में इससे पहले भी कई बार पुलिस व वन विभाग पर हमले हो चुके हैं। सिंगाही थाने के सूत्रों ने बताया कि करीब दो साल पहले तत्कालीन एसओ अजय कुमार मिश्रा ने हिस्ट्री शीटर के घर पर छापा मारा था। पुलिस ने करीब चोरी की पांच बाइक भी बरामद की थी। हिस्ट्रीशीटर और उसके साथियों की आसपास के गांवों में काफी दहशत है। 

गैंगस्टर आरोपी फिर भी जब्तीकरण की कारवाई से बचती रही पुलिस: साथियों के साथ मिलकर सिपाहियों की पिटाई करने वाले हिस्ट्रीशीटर सोनू पुत्र साकिर पर गैंगस्टर का भी मामला दर्ज है। इसके अलावा डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने उस जिला बदर की कारवाई की थी, इसके बाद भी वह खुलेआम घूम रहा था।

ऐसा भी नहीं था कि पुलिस उसे जानती या पहचानती नहीं थी। ग्रामीण बताते हैं पीटे गए सिपाहियों से भी उसकी दोस्ती थी। इसके बावजूद भी पुलिस उसके अपराधों को नजर अंदाज करती रही। इतना ही नहीं उसके खिलाफ गैंगस्टर की धारा 14(1) के तहत कोई कारवाई नहीं की। 

यह दर्ज हुई एफआईआर: थाना निघासन के गांव प्रीतमपुरवा निवासी कौशल गिरी ने कोतवाली तिकुनियां में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमे कहा है कि उसकी बस कंडक्टर विजय से खुराकी को लेकर कहा सुनी होने लगी। इसी बीच पहुंचे बस मालिक के पुत्र ने समझा बुझाकर विवाद शांत करा दिया था।

 इसी बीच बगल में खडे सोनू पुत्र साकिर, सलमान पुत्र तैय्यब और तहबुद्दीन पुत्र तैय्यब कंडक्टर को गाली देते हुए हम लोगों को लात घूसों से मारने पीटने लगे। इसी बीच दो पुलिस वाले आ गये।

जिन्होंने बचाने की कोशिश की तो तीनों आरोपियों ने पुलिस के ऊपर भी हमला कर दिया उन्हें उल्टी सीधी गाली देते हुए काफी उत्तेजित हो गये  मामला बीच बाजार का था। हमले से पूरे बाजार में अफरा तफरी हो गयी काफी लोग भयभीत होकर अपनी साइकिल चप्पल छोडकर अपनी जान बचाकर भागने लगे।   पुलिस ने आईपीसी की धारा 323,332,353,504,506 व आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। 

सिपाहियों का नहीं कराया मेडिकल, उठे सवाल: बीच चौराहा पर दौड़ा दौड़ा कर सिपाहियों को पीटा गया। इसके बाद भी पुलिस ने सिपाहियों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज नहीं की और न ही उनका मेडिकल परीक्षण कराया। इससे पुलिस की कारवाई पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।

प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार से जब सिपाहियों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज न करने और मेडिकल न कराए जाने के बाबत पूछा गया तो उनका तर्क था कि चालक की तरफ से रिपोर्ट दर्ज हुई है। मेडिकल परीक्षण की बात पर यह कहते हुए चुप्पी साध ली कि विवेचना में आ जाएगा।  

बस के परिचालक ने तहरीर दी है, जिसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। सिपाहियों से धक्का मुक्की हुई थी।-  
मनोज कुमार, प्रभारी निरीक्षक तिकुनियां

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