रामपुर : सर्दी से हो सकता है हाइपोथर्मिया और फेशियल पैरालिसिस

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Published By Priya
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रामपुर, अमृत विचार। सर्दियों में अगर शरीर का ताप 34-35 डिग्री से नीचे चला जाए तो उसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। इसमें हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं और सांस लेने में तकलीफ होती है। हर्ट बीट बढ़ जाती है, रक्तचाप कम हो जाता है। अगर शरीर का तापमान कम हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. डीके वर्मा कहते हैं कि तेज ठंड का सामना नहीं करें। 

सर्दी अपने पूरे शबाब पर है ऐसे में मामूली से लापरवाही जान के लिए खतरा बन सकती है। इसके लिए सचेत रहें और घर से बाहर निकलने से पहले गरम कपड़े पहन लें। बच्चों में पाई जाने वाली यह आम समस्या भी टॉन्सिल में संक्रमण के कारण होती है इससे गले में काफी दर्द होता है। खाना-खाने में दिक्कत होती है, तेज बुखार भी हो सकता है। गर्म भोजन और गुनगुने पानी का प्रयोग करें। अस्थमा एक एलर्जिक बीमारी है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है, इस मौसम में उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। इस मौसम में ऐसे लोगों के लिए धूल-मिट्टी से बचना बहुत जरूरी है। दवा खा रहे हैं तो उसे नियमित रूप से लें। कोई दवा चूकें नहीं, क्योंकि ऐसे में एलर्जेट अटैक कर सकते हैं।

अधिक सर्दी में हो सकता है लकवे का हमला
बेल्स पाल्सी को फेशियल पेरालिसिस कहते हैं। यह सर्दियों में बड़ा सामान्य है  इसमें मुंह टेढ़ा हो सकता है और आंख खराब हो सकती है। कान के पास से सेवेंथ क्रेनियल नस गुजरती है, जो तेज ठंड होने पर सिकुड़ जाती है। इसकी वजह से यह बीमारी होती है। इसमें मुंह टेढ़ा हो जाता है, मुंह से झाग निकलने लगता है। बोलने में जबान लड़खड़ाने लगती है और आंख से पानी आने लगता है। खासकर ड्राइविंग करने वालों और रात में बिना सिर को ढके कहीं जाने वालों में इसका खतरा बढ़ जाता है, इसलिए मफलर का प्रयोग करें, गाड़ी के शीशे बंद रखें।

सर्दियों में मामूली लापरवाही बरतना जान लेवा हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि गर्म पानी पिएं और इन दिनों मार्निंग वॉक पर जाने से बचें। गरम पानी पिएं ह्रदय, मधुमेह , अस्थमा के रोगियों के लिए जरूरी है कि विशेष ध्यान रखें।- डॉ. विशेष कुमार, ह्रदय रोग विशेषज्ञ

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