मुरादाबाद : प्राचीन शिव मंदिर में मारे गए पुजारी का हुआ अंतिम संस्कार, पुलिस खाली हाथ

मुरादाबाद : प्राचीन शिव मंदिर में मारे गए पुजारी का हुआ अंतिम संस्कार, पुलिस खाली हाथ

मुरादाबाद। सिविल लाइन थाना क्षेत्र में गुरुवार को हुई सनसनीखेज वारदात के 24 घंटे के बाद भी पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लग पाई है। बुधवार रात में अगवानपुर पुलिस चौकी क्षेत्र में पुरानी भटावली में रामगंगा नदी किनारे स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी मुन्नालाल पुरी (65) की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस तरह निडर हत्यारों ने बड़ी वारदात को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी है।

इस मामले के राजफाश के लिए एसएसपी हेमराज मीना ने पुलिस की पांच टीमों को गठन कर रखा है, लेकिन घटना बाद शुक्रवार दोपहर तक पुलिस को हत्यारों के मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। वैसे पुलिस ने घटना के दूसरे दिन सुबह से देर रात तक कोई संदिग्धों को उठाया और उनसे सख्ती से लंबी पूछताछ की है। उधर, पुजारी मुन्ना लाल पुरी के छोटे भाई रामनाथ ने उनके शव का पोस्टमार्टम होने के उपरांत गुरुवार रात के दो बजे अंतिम संस्कार किया है। अंतिम संस्कार मंदिर परिसर में ही किया गया है।

रामनाथ शाक्य ने बताया कि भाई के शव को अग्नि उन्होंने दी है, इसलिए वह अभी तीन-चार दिन तक मंदिर परिसर में ही रुकेंगे। उनके साथ में पत्नी गुड्डी, बेटा बब्लू, बहन मुन्नी और बहनोई मुरारी के साथ ही उनके दो साढ़ू भी हैं। साढ़ू धर्मपाल बदायूं के दातागंज और शंकर बरेली में हरदासपुर के रहने वाले हैं। रामनाथ ने बताया कि बड़े भाई मुन्ना लाल का रविवार को दसवां का कार्यक्रम है। 

सात साल पहले धर्मानंद ने मुन्ना लाल को सौंपी थी मंदिर की बागडोर
बताया जा रहा है कि 12 साल पहले महंत मुन्ना लाल पुरी भटावली गांव से करीब दूर रामगंगा किनारे स्थित प्राचीन शिव मंदिर में आकर रहने लगे थे। ग्रामीणों ने दावा है कि मंदिर करीब 200 साल पुराना है। जिस वक्त मुन्ना लाल पुरी आए थे, तब मुख्य पुजारी और महंत ठाकुरद्वारा के विजयपुर निवासी धर्मानंद थे। लेकिन, 2016 में धर्मानंद मंदिर की बागडोर अपने शिष्य मुन्ना लाल पुरी को सौंप कर चले गए थे। मंदिर में दिन में भटावली गांव और रामगंगा विहार, आशियाना समेत कई क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग पूजा पाठ करने जाते थे। लेकिन, रात में महंत मंदिर में अकेले ही रहते थे। महंत ने अपना बेड यज्ञशाला में ही एक साइड में बिछा रखा था। घटना की सुबह आठ बजे शशिपाल महंत को चाय के लिए दूध पहुंचाने गए थे। उन्होंने महंत को कई आवाज लगाई लेकिन, महंत की तरह से कोई उत्तर नहीं मिला तो वह चिंतित हो गए थे। 

चैनल से झांक कर देखा तो महंत बेड पर पड़े नजर आ रहे थे। उसे महंत के साथ कुछ अनहोनी महसूस हुई तो उसने भटावली गांव में अन्य लोगों को मामले की जानकारी दी। फिर यूपी डॉयल-112 पर कॉल कर पुलिस को बुला लिया। चैनल गेट में अंदर की ओर से ताला लगा हुआ था। इस कारण किसी को एहसास ही नहीं था कि महंत के साथ बड़ी अनहोनी हो चुकी है। ताला तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची तो महंत के गले पर किसी धारदार हथियार से हमले के निशान मिले और बेड पर खून भी फैला था। खबर मिलने पर पुलिस अधिकारी पहुंचे थे। डीआईजी मुनिराज जी और एसएसपी हेमराज मीना ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया। उन्होंने ग्रामीणों से भी पूछताछ की। उधर, ग्रामीण मृतक पुजारी के कार्य-व्यवहार की सराहना ही करते रहे। लेकिन, पुजारी के सुल्फा पीने की भी बात सामने आई है। इसलिए सुल्फा पीने के चक्कर में मंदिर पर आने-जाने वालों पर पुलिस ने ध्यान केंद्रित कर घटना की गहराई से पड़ताल कर रही है। खबर है कि सुल्फा पीने वाले कई लोगों को पुलिस ने उठाया भी है और उनसे सख्ती से पूछताछ की जा रही है।

श्रद्धालुओं ने भी बताया पुजारी सुल्फा पीने के थे आदी
आशियाना फेज-एक के कई लोग प्राचीन शिव मंदिर में लगभग हर रोज शाम को दीप प्रज्जवलित करने जाते हैं। इन लोगों ने बातचीत में बताया है उनका पुजारी से अधिक मतलब नहीं रहता था। दीप प्रज्जवलित किए और घर चले आए लेकिन, हां वह लोग अक्सर देखते थे कि पुजारी सुल्फा पीने वालों के साथ व्यस्त हैं। श्रद्धालुओं की मानें तो पुजारी मुन्ना लाल पुरी सुल्फा पीने के आदी थे। श्रद्धालुओं ने बताया कि प्राचीन शिव मंदिर परिसर में कुल तीन मंदिर हैं। बाउंड्री नहीं है। इसमें पुजारी मुन्ना लाल शिव मंदिर के पास यज्ञशाला वाले कमरे में रहते थे। मंदिर के दक्षिण करीब ढाई किमी दूर भटावली गांव है, जबकि मंदिर परिसर से लगभग 500 मीटर दूर उत्तर दिशा में रामगंगा नदी है। मंदिर में पूजन को लगभग नियमित जाने वाले रवि चौधरी ने बताया कि मंदिर के पास ही गोशाला भी बन रही है।

दो भाई-एक बहन में बड़े थे पुजारी मुन्ना लाल
पुजारी मुन्ना लाल पुरी दो भाई व एक बहन थे। इनमें वह बड़े थे। छोटे भाई रामनाथ व इनसे बड़ी बहन मुन्नी हैं, जो अलीगंज में ब्याही हैं। रामनाथ ने बताया कि घर में गरीबी थी। पिता के पास ढाई बीघे जमीन थी वह भी बिक गई तो वह 18-20 साल पहले मजदूरी के लिए परिवार संग पानीपत चले गए थे। रामनाथ के परिवार में पत्नी गुड्डी व बच्चों में अनीता, बब्लू, काजल, शीतल हैं। रामनाथ पानीपत की एकता विहार कॉलोनी में रहकर बेलदारी करते हैं। बताया कि उन्हें गुरुवार सुबह 11 बजे बड़े भाई मुन्ना लाल की हत्या की सूचना मिली थी तो पत्नी गुड्डी व बेटे बब्लू के साथ रात के नौ बजे मुरादाबाद पहुंचे हैं। उनसे पहले उनकी बहन मुन्नी अलीगंज से अपने पति मुरारी के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई थीं। रामनाथ ने बताया उनके बड़े भाई 40 साल की आयु में महंत बन गए थे। वह अविवाहित थे। साधु थे इसलिए गांजा (सुल्फा) के शौकीन थे। रामनाथ के मुताबिक, पिछले महीने बेटे बब्लू की शादी बरेली में अपने गांव से की थी तो बड़े भाई मुन्ना लाल आए थे, चार दिन रुके भी थे। मंगलवार शाम को उनकी भाई से फोन पर कुशलछेम भी हुई थी। बताया कि गांव में अब कोई नहीं रहता है, वहां घर में ताला लगा है।

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