भव्य और दिव्य होगा त्रिवेणी पुष्प परिसर, घूमने वालों के लिए यहां हैं विशेष इंतजाम, खूबियां जानकर रह जाएंगे हैरान!
पीडीए ने सौंदर्यीकरण, रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी शुकदेवानंद ट्रस्ट, परमार्थ निकेतन को सौंपी
राजीव कुमार, नैनी, प्रयागराज। त्रिवेणी पुष्प धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में पूर्व विस. अध्यक्ष स्व. केशरीनाथ त्रिपाठी की परिकल्पना का साकार रूप ले रहा है। कार्य पूर्ण होने पर यह परिसर भव्य और दिव्य होगा। इसके लिए परिसर को शुकदेवानंद ट्रस्ट, परमार्थ निकेतन विकसित कर रहा है। यहां पर सौंदर्यकरण एवम निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। आने वाले समय में यह परिसर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
त्रिवेणी पुष्प को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा स्वामी शुकदेवानंद ट्रस्ट, परमार्थ निकेतन को सौंदर्यीकरण, रखरखाव तथा संचालन के लिए दिया गया है। इसी क्रम में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज के निर्देशानुसार परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, अरैल, प्रयागराज के परिसर को लगभग 11 करोड़ रुपए की लागत से भव्य और दिव्य बनाने का कार्य ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है।
विभिन्न मूर्तियों के साथ दिखेगा और भी भव्य
ट्रस्ट की ओर से कार्य देखने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर अरुण सारस्वत ने बताया कि इस परिसर में परमार्थ निकेतन द्वारा मंदिरों का निर्माण, यज्ञशाला, नवग्रह वाटिका, संत कुटीर, सौंदर्य फ़व्वारा, योग सूर्यनमस्कार की प्रतिमाएं तथा ऋषिमुनियों की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही है। इसके आलावा यात्री निवास एवं कथा स्थल भी रहेगा। इससे यह स्थान काफी मनोरम होगा। यह आने के बाद लोगों के अंदर आध्यात्म और जागृत होगा।
कभी यहां रहता था अराजगतत्वों का जमावड़ा
अरैल स्थित इस त्रिवेणी पुष्प का शिलान्यास नौ अप्रैल 2000 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी ने किया था। इस परिसर में परिकल्पना थी कि इसमें कई तीर्थों का संगम हो। इसके लिए बद्रीनाथ, केदारनाथ आदि मंदिरों का निर्माण कराया गया था। बाद में अयोध्या का राम मंदिर का भी प्रतिरूप बनवाया गया था।
प्रारंभ में यहां पर काफी लोग घूमने आते थे लेकिन धीरे धीरे यह परिसर विरान सा हो गया। यहां पर अराजक तत्वों का जमावड़ा होने लगा। अब जब इस परिसर को स्वामी शुकदेवानंद ट्रस्ट, परमार्थ निकेतन को दिया गया यह एक बार फिर यह भव्य रूप में आने लगा है।

