बदायूं: मनरेगा श्रमिकों के लिए 47 लाख मानव दिवस होंगे सृजित, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

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Published By Vishal Singh
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मनरेगा योजना के तहत 90 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने का है लक्ष्य

बदायूं, अमृत विचार। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में नए वित्तीय वर्ष के दौरान मजदूरों को काम की कमी नहीं होगी। 47 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य तय करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जो कि 2023-2024  से 15 लाख अधिक है। तालाब खुदाई, आवास, चकमार्ग, चकरोड से लेकर अन्य कार्य के माध्यम से मजदूर प्रतिदिन कमाई करेंगे।

वर्तमान वित्तीय वर्ष में पहले 27 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य मिला था, लेकिन मजदूरों की मांग को देखते हुए पांच लाख और बढ़ा दिया गया। अब विभाग को मार्च माह तक 32 लाख मानव दिवस सृजित करना हैं। 

प्रति व्यक्ति आय बढ़े और लोगों की गरीबी दूर हो सके, इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार से ही सबसे सहज उपाय है। हालांकि शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगारों की भीड़ में हर हाथ को काम उपलब्ध कराना समय की चुनौती बनी हुई है। गरीबी उन्मूलन की दिशा में शासन की ओर से तरह-तरह के उपाय भी किए जा रहे हैं, रोजगार व स्वरोजगार के अवसर तलाशे जा रहे हैं। 

इसी कड़ी में प्रत्येक व्यक्ति को 100 दिन रोजगार की गारंटी देने को लेकर संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वर्ष 2024-25 में 47 लाख मानव दिवस सृजित कर ज्यादा से ज्यादा जॉब कार्ड धारकों को रोजगार से जोड़ने की तैयारी की गई है। काम की तलाश में भटकते लोगों को दूर-दराज क्षेत्रों में भटकना न पड़े। मनरेगा गांव में ही काम हासिल करने का सबसे बेहतर जरिया बना हुआ है। ऐसे में योजना के अंतर्गत पंजीकृत 2.11 लाख से अधिक जॉब कार्ड धारकों को काम मिल सके, गांवों में काम के अवसर निकाले जा रहे हैं। 

विभाग की ओर से मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मानव दिवस सृजन के निर्धारित किए गए 27 लाख मानव दिवस के सापेक्ष 2.96 लाख मानव दिवस की पूर्ति की है, जो कि लक्ष्य से अधिक है। इसके तहत 84 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है। जबकि 2024-25 में 47 लाख मानव दिवस सृजित कर 90 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी की गई है। 

उपायुक्त मनरेगा रामसागर ने बताया कि अमृत सरोवरों के निर्माण, सुंदरीकरण से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आवास, चकमार्ग निर्माण, पशु शेड का निर्माण, परिषदीय विद्यालयों के चहारदीवारी निर्माण, अनुदानित शौचालयों के निर्माण से लेकर व्यक्तिगत स्तर पर भी अन्य कार्यों के जरिए मानव दिवस सृजित किए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक लोगों को काम मिल सके।

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