Kanpur: अवैध रूप से रहने वाला बांग्लादेशी गिरफ्तार; फर्जी पहचान पत्र बनाकर देश में कराता था घुसपैठ...
अवैध रूप से रहने वाला बांग्लादेशी गिरफ्तार किया गया है।
कानपुर में अवैध रूप से रहने वाला बांग्लादेशी गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी पहचान पत्र बनाने का काम करता था।
कानपुर, अमृत विचार। भारत में अवैध रूप से बांग्लादेशियों को बसाने वाले गैंग के एक और सदस्य मोहम्मद राशिद अहमद सरदार निवासी अफ्रीकी मंजिल दारुल उलूम देवबंद सहारनपुर वास्तविक पता ग्राम मंदारी थाना लक्ष्मीपुर चटगांव बांग्लादेश को एटीएस ने बांग्लादेश जाने से पहले कानपुर सेंट्रल स्टेशन से गिरफ्तार किया है। बांग्लादेशी त्रिपुर सुंदरी एक्सप्रेस से अगरतला जाकर बॉर्डर पारकर बांग्लादेश जाने वाला था। इससे पहले एटीएस ने दस्तावेज समेत कार्रवाई कर दी।
विदेशी संस्थाओं से करोड़ों रुपये प्राप्त करके भारत में अवैध रूप से बांग्लादेशियों को बसाने वाले गैंग के अदिलुर रहमान असरफी निवासी ढाका, अबु हुरैरा गाजी निवासी नॉर्थ, शेख नजीबुल हक निवासी 24 परगना साउथ, तानिया मंडल निवासी पिरोजपुर, इब्राहिम खान निवासी बांग्लादेश, मोहम्मद अब्दुल अव्वल निवासी गोलपारा, आसाम और अबू सालेह मंडल थाना स्वरुपनगर, नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल सात सदस्यों को एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है।
इस बांग्लदेशी गैंग का आठवें सदस्य मोहम्मद राशिद अहमद सरदार के पास से एटीएस ने 6040 रुपये नकद, भारतीय आधार कार्ड (फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाया गया), दारुल उलूम देवबंद मदरसे की आईडी कार्ड, रेलवे टिकट, एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। एटीएस ने बताया कि बांग्लादेशी मो. राशिद ने पूछताछ में बताया कि वह आठ साल पहले अपने बांग्लादेशी पासपोर्ट से टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। यहां आने के बाद देवबंद स्थित मदरसा दारुल उलुम में अपना नाम पता बदलकर दाखिला लिया था।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प. बंगाल के पते का आधार कार्ड बनवा लिया था और वर्ष 2016 से देवबंद में ही रह रहा था। बताया कि पूर्व में गिरफ्तार हुए बांग्लादेशी शेख नजीबुल हक और अबु हुरैरा गाजी से उसके संबन्ध थे। उन्होंने ही उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाकर देवबंद में बसाया था और इसके बाद अपने गैंग में सम्मिलित कर लिया था। गैंग ने भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के कूटरचित भारतीय दस्तावेज बनवाने का कार्य उसे सौंपा गया था।
जिसके बदले में पैसे मिलते थे। पूछताछ में बताया कि पूर्व में गिरफ्तार बांग्लादेशी अदिलुर रहमान को भी आर्थिक मदद कर, गैंग ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसके सहयोग से पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि बनवाए थे। आरोपी मो. राशीद ने कई अन्य बांग्लादेशियों के नाम भी बताए हैं। जिन्हें इस गैंग के माध्यम से भारत में अवैध रूप से बसाया गया है। बताए गए नामों के संबन्ध में यूपी एटीएस ने जांच तेज कर दी है।
एटीएस के अनुसार सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ व्यक्तियों ने एक सिंडिकेट बनाया है, जो अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर, फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारत में आवासित कराता है। साथ ही उनको आर्थिक सहयोग कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इस सूचना पर एटीएस को भौतिक और सर्विलांस के माध्यम से विकसित किया गया।
सूचना के आधार पर थाना एटीएस उत्तर प्रदेश में कार्रवाई शुरू की गई। इससे पहले भी कानपुर के मूलगंज इलाके से वर्षों से छिप कर रहे रहे बांग्लादेशी डॉ रिजवान बीच वाला मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया था। बाद में निशानदेही पर परिवार के अन्य सदस्य दबोचे गए थे।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 14.56 लाख रुपये, 1001 डालर, हार, चेन, झुमकी, ब्रजबाला, नथुनी, अंगूठी, 2 लाकेट व अन्य आभूषणों के साथ 13 पासपोर्ट और पांच कूठरचित आधार कार्ड बरामद किए थे।
