Kanpur News: घुटना बदलने की नहीं पड़ेगी जरूरत; खून से तैयार पीआरपी दिलाएगा गठिया से राहत...
कानपुर, अमृत विचार। गठिया, हड्डी के जोड़, कंधे और घुटने के दर्द में पीआरपी ट्रीटमेंट काफी फायदेमंद है। इस विधि में मरीज का ही खून लेकर प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) तैयार किया जाता है। उसे पांच से 10 एमएल सीरिंज में लेकर इंजेक्शन के जरिए घुटने या जोड़ों में लगाया जाता है, जिससे मरीजों को दर्द से राहत मिलती है और घुटने बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। यह जानकारी वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक, आर्थोस्कोपी एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. एके अग्रवाल ने दी।
ग्रीनपार्क पार्क में रविवार को सत्य हॉस्पिटल द्वारा घुटने की संपूर्ण जानकारी विषयक गोष्ठी में आर्थोस्कोपी एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. एके अग्रवाल ने बताया कि अनियंत्रित वजन, आरामदायक जिंदगी व फास्ट फूड जोड़ों को अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली की वजह से घुटने के दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
गठिया लोगों में पहले 60 वर्ष के बाद होती थी, लेकिन अब 30 से 40 उम्र के लोग भी इससे ग्रस्त हो रहे हैं। युवावस्था में गठिया होना गंभीर विषय है। लेकिन हर मामले में ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती है। आधुनिक तरीकों से जोड़ों व घुटने के दर्द में भी राहत मिल सकती है। इसके लिए प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) ट्रीटमेंट काफी कारगर है।
पीआरपी की मदद से घुटने की गठिया व जोड़ों के दर्द से निजात मिलती है। आर्थरोसकोप के जरिए बगैर चीरे व रक्त स्राव के मरीज एक ही दिन में ठीक होकर घर जा सकता है। इससे घुटना प्रत्यारोपण से बचा जा सकता है। इस दौरान डॉ. डीके गुप्ता, डॉ.चंद्रभूशन, डॉ.एलएस त्रिपाठी, डॉ. मनीषा अग्रवाल, कार्यक्रम की चेयरपर्सन डॉ. रागिनी, डॉ. आशीष, डॉ. राजीव, डॉ. श्याम मोहन शुक्ला, डॉ. थवानी, डॉ. गोयल, डॉ. राजेश, डॉ. एके भतेजा मौजूद रहे।
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