Hamirpur: खोई हुई सीट पाने को सपा ने इस महारथी को उतारा मैदान में... कांग्रेस बोली BJP के विजय रथ को रोकेगी सपा

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Published By Deepak Shukla
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हमीरपुर, अमृत विचार। हमीरपुर- महोबा संसदीय सीट पर इस बार के चुनाव में मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद है। इंडिया गठबधन ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। यहां से सपा के अजेंद्र सिंह राजपूत इंडिया गठबंधन को जीत दिलाने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। बसपा ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं तो भाजपाई यह मान कर चल रहे हैं कि लगातार दो बार से जीत रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल पुन: मैदान में उतरेंगे। भाजपा जहां जीत की हैट्रिक लगाने के लिए कोशिश में जुटी है तो सपा अपनी खोई हुई सीट को गठबंधन के सहारे वापस पाने की जुगत में है।
सपा पार्टी 2 

हमीरपुर- महोबा संसदीय क्षेत्र में हमीरपुर, राठ, महोबा, चरखारी और तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा 2014 और 2019 में इस लोकसभा सीट पर बड़े अंतर से जीती थी। जबकि 2019 के चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन था। बावजूद इसके भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने बसपा के दिलीप कुमार सिंह को हरा दिया था। 

तब कांग्रेस उम्मीदवार प्रीतम सिंह लोधी तीसरे स्थान पर थे। इस बार बसपा इंडिया गठबंधन से बाहर है और कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी का गठजोड़ है। सपा ने इस सीट पर 2004 में जीत दर्ज की थी, इससे पहले उसके उम्मीदवार कभी नहीं जीते। 1999 व 2009 में बसपा का यहां परचम लहराया था। अब भाजपा यहां काबिज है तो उसकी कोशिश है कि तीसरी बार भी उसे यहां जीत की हैट्रिक लगाने का मौका मतदाता दें। 

जल्द ही बुंदेलखंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली कराने की तैयारी है। हालांकि अभी तिथि निर्धारित नहीं हुई है। भाजपा दो बार से जीत रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को टिकट देगी या किसी और को अभी इसके कोई संकेत पार्टी की ओर से नहीं मिले हैं। फिलहाल खुद का टिकट पक्का मानकर पुष्पेंद्र मैदान में डंटे हुए हैं और मतदाताओं को राज्य, केंद्र सरकार और खुद की उपलब्धियां बताने में जुटे हुए हैं। 

समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजेंद्र सिंह राजपूत अन्ना जानवर, पीने के पानी के संकट और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाकर मतदाताओं से समर्थन मांग रहे हैं। जल्द ही सपा और कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों के पदाधिकारियों की समन्वय बैठक भी होगी। इसमें प्रचार की रणनीति तय होगी और राहुल गांधी व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की संयुक्त रैली कराने पर विचार किया जा रहा है।

कब किसके खाते में रही सीट

चुनाव वर्ष     पार्टी              जीते 

1991          भाजपा         विश्वनाथ शर्मा
1996          भाजपा         गंगा चरण राजपूत
1998          भाजपा         गंगा चरण राजपूत
1999          बसपा         अशोक सिंह चंदेल
2004          सपा           राजनारायण बुधौलिया
2009         बसपा       विजय बहादुर सिंह
2014          भाजपा      पुष्पेंद्र सिंह चंदेल
2019          भाजपा      पुष्पेंद्र सिंह चंदेल

लोधी मतों के ध्रुवीकरण की ताक में सपा

अजेंद्र सिंह राजपूत के पिता चंद्र नारायण सिंह राजपूत विधायक रह चुके हैं। उनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। समाजवादी पार्टी ने लोधी मतों के ध्रुवीकरण को ध्यान में रखकर ही अजेंद्र को लोकसभा का टिकट दिया है। राठ, चरखारी विधानसभा लोधी बहुल होने के कारण उन्हें इसका लाभ मिल सकता है। जबकि महोबा विधानसभा में भी लोधियो की संख्या ठीक-ठाक है। बांदा जिले की तिंदवारी विधानसभा सीट भी इसी संसदीय क्षेत्र में आती है। लोधियों की बहुलता को देखते देखते हुए पार्टी हाई कमान ने पहली दफा लोधी प्रत्याशी पर दांव लगाया है।

2019 का परिणाम

पार्टी            उम्मीदवार                  मिले वोट

भाजपा          पुष्पेंद्र सिंह चंदेल       5,75,122
सपा-बसपा    दिलीप कुमार सिंह     3,26,470
कांग्रेस          प्रीतम सिंह लोधी        1,14,534
निर्दल           संजय कुमार साहू       24, 801

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