Bareilly News: अपने ही बनाए पिंक वेंडिंग जोन पर अब बुलडोजर चलाएगा नगर निगम

Bareilly News: अपने ही बनाए पिंक वेंडिंग जोन पर अब बुलडोजर चलाएगा नगर निगम

पिंक वेडिंग जोन से दुकानें हटाने का अल्टीमेटम मिलने पर नगर निगम पहुंचे दुकानदार

बरेली, अमृत विचार। दो साल पहले नगर निगम के अफसरों ने ही विकास भवन रोड पर बरेली कॉलेज गेट के बाहर पिंक वेंडिंग जोन बसाया था और जोरशोर से 34 शहरी पथ विक्रेताओं को रोजगार के लिए जगह का आवंटन किया था लेकिन अब उसी को अतिक्रमण बताकर 24 घंटे के अंदर न हटने पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी दे दी है।

शनिवार को कई महिला-पुरुष पथ विक्रेताओं ने नगर निगम में हंगामा करते हुए आवंटन के साक्ष्य दिखाए लेकिन अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनी।

शासन के आदेश के तहत दो साल पहले तत्कालीन नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने स्ट्रीट फूड हब बनाने के लिए वेंडिंग जोन तैयार कराकर 34 दुकानें आवंटित कराई थीं। आवंटियों को नगर निगम की ओर से बाकायदा आई कार्ड जारी किए गई। 

खाद्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद इन लोगों ने यहां जूस, चाऊमीन, छोले भटूरे, चाय बगैरह के स्टॉल लगाए थे। कई ने बैंकों से लोन लेकर यह काम शुरू किया। उनका कहना है कि अब अचानक उनकी दुकानों को अवैध बताया जा रहा है। नगर निगम के अफसर न सिर्फ उनके साथ धोखा कर रहे हैं बल्कि उनके पेट पर लात भी मार रहे हैं।

शनिवार दोपहर यहां फास्ट फूड का स्टॉल लगाने वाले राधे रमन, गोवर्धन, सुमन, देवकी नंदन, रजनी समेत कई आवंटी लोग नगर आयुक्त से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे। आरोप है कि नगर आयुक्त ने उनकी एक नहीं सुनी। इतना कहकर लौटा दिया कि अवैध दुकानों को खुद हटाने के लिए रविवार तक की मोहलत है। इसके बाद नगर निगम की टीम कार्रवाई करेगी। 

सोनू, सुनील, सिंह, हिमांशु समेत कई दुकानदारों ने बताया कि पिछले दिनों नगर निगम ने पिंक वेंडिंग जोन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से लगाई गई अवैध दुकानों को हटवाया था। इसके बाद से ये महिलाएं उनकी दुकानें भी हटाने का दबाव बना रही थीं। इसी कारण उनकी दुकानें भी हटवाई जा रही हैं।

साक्ष्यों की गवाही, नगर निगम के अफसर कर रहे हैं खिलवाड़
आवंटियों के पास जो साक्ष्य हैं, उनसे नगर निगम अफसरों की कार्रवाई अन्यायपूर्ण साबित हो रही है। इन साक्ष्यों के मुताबिक तत्कालीन नगर आयुक्त ने 28 अगस्त 2022 को स्ट्रीट फूड हब विकसित करने के लिए वेंडर चयन समिति का गठन किया था।

इसमें अपर नगर आयुक्त और डूडा के अधिकारी शामिल थे। समिति ने 34 लोगों की तैयार की जिसके बाद दुकानें आवंटित की गईं। इन लोगों ने काम शुरू किया तो अफसरों ने दुकानों को फूलों से सजवाया था और खुद आकर उनका शुभारंभ किया था। बाद में डूडा पथ विक्रेताओं से वसूली भी करता रहा लेकिन अब डूडा के अफसर चुप्पी साधे हैं।

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