लखीमपुर खीरी: डीआईओएस समेत तीन के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज, कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने की कार्रवाई

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Published By Afzal Khan
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दो पत्रों को गायब करने व पत्र पंजिका में दर्ज न करने का आरोप

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। डाक विभाग के माध्यम से भेजे गए दो पत्रों को पत्र पंजिका में दर्ज न करने के पांच साल पुराने मामले में सदर तत्कालीन डीआईओएस फंस गए हैं। सदर कोतवाली पुलिस ने सीजेएम के आदेश पर डीआईओएस समेत तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।  

शहर के मोहल्ला रामनगर (बरखेरवा) निवासी प्रकाश गुप्ता ने दर्ज की गई रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने 25 नवंबर 2019 को डीआईओएस डॉ. आरके जायसवाल को संबोधित दो जरूरी पत्र डाक विभाग की स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम से भेजा था। दोनों पत्रों को डाक वितरण करने वाले डाकिया देवेंद्र कुमार ने 26 नवंबर 2019 को कार्यालय में डाक पटल का कार्य देख रहे भानु प्रताप सिंह वरिष्ठ लिपिक को प्राप्त कराया था।

डाक वितरण प्रमाण पत्र पर भानु प्रताप सिंह ने हस्ताक्षर भी किए हैं। वरिष्ठ लिपिक भानु प्रताप सिंह ने जान बूझकर दोनो पत्रों को पत्र प्राप्त पंजिका में दर्ज नही किया और डीआईओएस आरके जायसवाल और राजकीय जिला पुस्तकालय के वरिष्ठ लिपिक मनोज कुमार पांडेय के साथ मिलकर आपराधिक षडयन्त्र करते हुए दोनों पत्रों को कार्यालय अभिलेखों में संरक्षित नहीं किया।

धोखाधडी कर दोनों पत्रों को गायब कर दिया। उन्होंने इसकी शिकायत 06 नवंबर 2023 को एसपी को शिकायती पत्र देकर की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीजेएम ने मामले को गंभीरता से लिया है और रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश सदर कोतवाली पुलिस को दिए। इस पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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