बरेली: स्मार्ट सिटी की लाइटें दिन में भी जलती हैं तो कहीं रात को भी नहीं, सैकड़ों यूनिट बिजली हो रही बर्बाद
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बरेली, अमृत विचार: स्मार्ट सिटी में करोड़ों की लागत से लगाई गईं स्ट्रीट लाइटें कहीं दिन में भी जलती मिल जाएंगी तो कई रात को भी नहीं जलतीं। कहने को इन महंगी लाइटों के समय पर जलाने और बंद करने के लिए हर साल लाखों कीमत के उपकरण भी लगाए गए हैं, मगर वे भी काम नहीं कर रहे।
शहर के पॉश के इलाकों के साथ नगर निगम ने बाहरी हिस्से के वार्डों में भी लाइटें लगवा रखी हैं। इनमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जो महंगी फैंसी लाइटें लगाई गई हैं, उनमें टाइमर भी लगा हुआ है। ताकि शाम को वे खुद ब खुद जल जाएं और दिन निकलते ही बंद हो जाएं।
ये टाइमर भी काफी महंगी कीमत पर खरीदे गए हैं लेकिन इसके बावजूद काम नहीं कर रहे हैं। सिविल लाइंस, रामपुर बाग, विकास भवन, पुराना बस स्टेशन, बिशप मंडल कॉलेज रोड और जंक्शन रोड समेत कई इलाकों में दिन में भी लाइटें जलती रहती हैं।
बताया जा रहा है कि फैंसी लाइटों के टाइमर का वायर खराब हो गया है जिसकी वजह से दिन में भी उनके जलने से सैकड़ों यूनिट बिजली रोज बर्बाद होती है लेकिन अफसरों को इसकी परवाह नहीं है। जिन वार्डों और पार्कों में ऑटोमैटिक सिस्टम नहीं है, वहां कर्मचारियों को लाइटें खोलने और बंद करने की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन वे भी जिम्मेदारी से यह काम नहीं कर रहे हैं।
शहर के बीच बंद पड़ी हैं कई लाइटें
सोमवार रात आठ बजे आवास विकास कॉलोनी के पार्क में हाईमास्ट लाइट बंद पड़ी थी। लोगों के मुताबिक इस लाइट से पार्क के साथ आसपास भी उजाला रहता था लेकिन काफी समय से बंद है। इसके अलावा पीलीभीत बाईपास, पुराना रोडवेज, सेटेलाइट से शहामतगंज के बीच आठ स्ट्रीट लाइटें बंद मिलीं।
खुर्रम गौंटिया रोड पर भी ज्यादातर लाइटें बंद थीं। कुतुबखाना, कुदेशिया, किला और सेटेलाइट तिराहे के पुल पर भी कई लाइटें खराब हैं। लोगों ने बताया कि काफी समय से बंद होने के बाद भी इन्हें ठीक नहीं कराया गया है।
स्ट्रीट लाइटों में टाइमर लगा हुआ है। वे समय से जलती और बंद होती हैं। अगर किसी जगह समस्या है तो उसे पथ प्रकाश विभाग की टीम को भेजकर ठीक करा दिया जाएगा- एसके यादव, अपर नगर आयुक्त
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