बरेली: 300 बेड अस्पताल में वेंटिलेटर धूल फांक रहे, विभाग के रिकार्ड में सिर्फ तीन

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Published By Vishal Singh
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शासन से मांगी सूचना के जवाब में सीएमओ ने तीन सौ बेड अस्पताल को दिए 10 वेंटिलेटरों का नहीं किया जिक्र

बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से जिले में वेंटिलेटरों की उपलब्धता के बारे में मांगी गई जानकारी के जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सिर्फ तीन वेंटिलेटर उपलब्ध होने की सूचना भेजी है। कोरोना के दौर में तीन सौ बेड अस्पताल में भेजे गए करीब 10 वेंटिलेटरों का जिक्र न किए जाने से सवाल खड़ा हो रहा है कि कहीं ये वेंटिलेटर भी तो चोरी नहीं हो गए। यह सवाल उठने की वजह यह है कि तीन सौ बेड अस्पताल से पहले भी करोड़ों के उपकरण चोरी हो चुके हैं। शासन और प्रशासन स्तर से कई बार जांच बैठाए जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अब तक उनका कोई पता नहीं लगा सका है।

सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटरों की कमी का मुद्दा शासन में गूंजने के बाद कुछ समय पहले सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग से उनके पास उपलब्ध वेंटिलेटरों की संख्या के बारे में सूचना मांगी गई थी। बरेली से स्वास्थ्य विभाग ने इसके जवाब में शासन को मीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक और बहेड़ी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो वेटिंलेटर उपलब्ध होने की सूचना भेजी है। इस सूचना में उन करीब 10 वेंटिलेटरों का जिक्र नहीं किया गया है तो तीन सौ बेड अस्पताल में कोविड के दौरान शासन ने उपलब्ध कराए थे। इसी कारण विभाग में ही यह सवाल उठ रहा है कि कहीं ये वेंटिलेटर भी तो तीन सौ बेड अस्पताल से चोरी नहीं हो गए।

दरअसल, कोविड खत्म होने के बाद इन वेंटिलेटरों को कभी उपयोग में नहीं लाया गया। इसके बजाय सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी की वजह से मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। दूसरे तीन सौ बेड अस्पताल में पहले भी लगातार चोरियां होती रही हैं। इसी आधार पर तीन सौ बेड अस्पताल से कुछ वेंटिलेटरों के भी चोरी होने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि कुछ वेंटिलेटर चार साल से कमरों में बंद पड़े हैं और धूल फांक रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कभी यह सुध भी नहीं ली कि वे उपयोग लायक भी रह गए हैं या नहीं।

शासन ने वेंटिलेटरों की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी थी। दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही तीन वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। यह सूचना भेज दी गई है। तीन सौ बेड अस्पताल के वेंटिलेटरों का इस्तेमाल करने का शासन से कोई आदेश नहीं मिला है - डाॅ. विश्राम सिंह, सीएमओ

करोड़ों के उपकरण चोरी, बार-बार जांच बैठी, एक बार भी नहीं हुई पूरी
तीन सौ बेड अस्पताल को शुरू होने से पहले ही घोटालों की बीमारी लग गई थी। वर्ष 2019 में जब यह अस्पताल शुरू हुआ तो पता लगा कि वहां करोड़ों के वे उपकरण गायब हैं जिनके लिए शासन ने बजट दिया था। इन उपकरणों की कागजों पर खरीद दिखाकर बजट खपा दिया गया या वे चोरी हो गए, इसका पता लगाने के लिए शासन से लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों तक ने जांच का आदेश दिया लेकिन कोई भी जांच पूरी नहीं हो पाई।

आखिरी बार जनवरी 2023 में तत्कालीन मंडलायुक्त संयुक्ता समद्दार ने जांच का आदेश दिया था और 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। इस आदेश पर तत्कालीन एडी हेल्थ डॉ. एके चौधरी ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को तीन सौ बेड अस्पताल की इमारत का निर्माण होने से जांच के आदेश तक खरीदी गई सामग्री और उपकरणों का स्टॉक बुक से मिलान करने के साथ भौतिक सत्यापन करना था, लेकिन यह जांच पूरी नहीं हो पाई। इससे पहले 2020 में तत्कालीन सीएमओ डॉ. वीके शुक्ला ने जांच का आदेश दिया, लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला। शासन से आया जांच का आदेश भी फाइलों में दबकर रह गया।

बताया जाता है कि चिकित्सा उपकरणों के साथ ज्यादातर चोरी हुआ सामान ऐसा था जो घरों में इस्तेमाल किया जा सकता था। दर्जनों एसी गायब हुए थे। इसके अलावा पंखे, अलमारी, बेड, सौ से ज्यादा कुर्सियां, गद्दे, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर जैसे उपकरण भी चोरी हुए।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी तो शासन पर भी भारी
तीन सौ बेड अस्पताल के तीन एसी की चोरी का जिक्र तो उसके तत्कालीन सीएमएस और मौजूदा नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भानु प्रकाश के नाम स्वास्थ्य विभाग के कागजों में चल रहा है। अस्पताल के पूर्व सीएमएस डॉ. सतीश चंद्रा के मुताबिक ये तीन एसी डॉ. भानु प्रकाश ने अस्पताल से उतरवाकर अपने घर में लगवा लिए थे और कई बार मांगने के बाद भी वापस नहीं किए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी के एसी ले जाने की वजह से तीन सौ बेड अस्पताल में इस बार गर्मी के मौसम में कोल्ड रूम तक नहीं बन पाया। कोल्ड रूम बनाने का आदेश शासन ने दिया था। इस कारण अस्पताल प्रशासन की ओर से सीएमओ को पत्र लिखकर शासन के आदेश का पालन करने के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी से एसी वापस दिलाने को कहा गया लेकिन सीएमओ भी इस पर टालमटोल करते रहे और गर्मी का पूरा मौसम गुजरने के बावजूद तीन सौ बेड अस्पताल में कोल्ड रूम नहीं बन सका।

डॉ. भानु प्रकाश को अंतिम चेतावनी जारी की जाएगी। फिर भी उन्होंने एसी वापस नहीं किए तो कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा- डॉ. विश्राम सिंह, सीएमओ

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