बरेली: शैक्षिक महासंघ से महामंत्री, कोषाध्यक्ष और संगठन मंत्री निष्कासित
बरेली, अमृत विचार: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की जिला कार्यकारिणी में लंबे समय से चल रही जद्दोजहद के बाद आखिरकार जिला महामंत्री विनोद कुमार, कोषाध्यक्ष पुष्कर उपाध्याय और संगठन मंत्री जितेंद्र पाल सिंह को बाहर कर दिया गया है। संगठन के प्राथमिक संवर्ग की प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से जारी पत्र के अनुसार इन तीनों को इससे पहले संगठन विरोधी कृत्यों के कारण निलंबित किया गया था। इसके बावजूद पदाधिकारियों ने समाचार पत्रों में भ्रामक सूचनाएं प्रकाशित कराई थीं।
प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि पदाधिकारियों को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन वे लगातार संगठन विरोधी कृत्य करते रहे। रविवार को इस संबंध में जिलाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला की ओर से पीलीभीत रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इसमें उन्होंने बताया कि निष्कासित पदाधिकारी लगातार अनुशासनहीनता और संगठन विरोधी कृत्य करते रहे हैं। इससे पहले प्रदेश स्तर से भी कई बार उन्हें कड़ी चेतावनी भी दी गई थी। इसके बावजूद वे सुधार के बजाय संगठन विरोधी कार्यों में लिप्त रहे। इसके अलावा फर्जी तरीके से जिलाध्यक्ष को हटाकर संगठन मंत्री ने स्वयं को कार्यकारी जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया था। कई समाचार पत्रों को गुमराह कर इसे प्रकाशित भी कराया गया। बताया कि इस प्रकार की संगठन विरोधी घोर अनुशासनहीनता के चलते उन्हें निष्कासित कर दिया गया है।
निष्कासित पदाधिकारी बोले- प्रदेश अध्यक्ष का पत्र असंवैधानिक
निष्कासित पदाधिकारियों को 24 जुलाई 2023 को प्रदेश अध्यक्ष ने ही मनोनीत किया था। अब निष्कासित होने पर इन पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह का पत्र असंवैधानिक है। इसमें महामंत्री का भी हस्ताक्षर होना चाहिए।
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