भवाली: रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और रिचार्ज संरचनाओं के निर्माण की कवायद तेज 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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भवाली, अमृत विचार। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण व जलवायु परिवर्तन के कारण जल संसाधनों की उपलब्धता में निरन्तर कमी आ रही है। अधिकतर जगहों पर भूजल स्तर काफी कम हो गया या फिर घट गया है। अविरल बहने वाले जल श्रोत भी सूखते जा रहे हैं या फिर उनका जल बहाव भी कम हो गया है।

भविष्य में जल सम्बन्धी समस्याओं से मुकाबला करने व जल संसाधन प्रबन्धन के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक पहल की शुरुवात कर दी गई है। सामान्यतः छतों से गिरने वाला अधिकतर जल व्यर्थ बहकर गन्दे नालों में मिलकर दूषित हो जाता है या वाष्पीकृत हो जाता है, जिससे कि वर्षाजल पृथ्वी की सतह पर भूजल भण्डारण तक नहीं पहुंच पाता है।

इस तरह से रिचार्ज संरचनाओ व रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण किया जा सकता है।

इसके परिणामस्वरूप भूजल का पुनर्भरण कम हो जाता है। इस गम्भीर समस्या के निदान के लिए जिले के हर नागरिक, जिम्मेदार जन प्रातिनिधियों से इस मुहिम में जुड़ने का आह्वान किया है। इस सम्बन्ध में रामगढ़ ब्लॉक के ज्येष्ठ प्रमुख प्रदीप देला ने जिलाधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि जनभागिता से इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा सकता है।

हम सबकी जिम्मेदारी है कि भविष्य को देखते हुए जल संरक्षण के लिए जिलाधिकारी की इस मुहिम में जुड़ना चाहिये और छत से गिरने वाले वर्षा जल का संचयन प्रशासन की ओर से सुझाई विभिन्न संरचनाओं के द्वारा किया जा सकता है। इसके लिये न्यूनतम व्यय पर हर व्यक्ति अपने स्तर पर भी कार्य कर सकता है। वहीं ब्लॉक स्तर पर 15वें वित्त आयोग के टाइड मद में पेयजल योजना के तहत मदद का भी प्रयास किया जायेगा। 

जैसा कि विदित हो कि नियमानुसार 4000 वर्ग मीटर से अधिक आच्छादन वाले व्यावसायिक भवनों के लिये वर्षा जल संचयन की अनिर्वायता जरूरी है। पत्र में ऐसे व्यावसायिक भवनों को चिन्हित कर खण्ड विकास कार्यालय को सूचित करने को कहा है। जो यह मानक पूरे नहीं करते हैं व क्षेत्रवासियों को जल संरक्षण का अच्छा सन्देश देते हुए इसके लिए प्रेरित करने को कहा है।

वहीं तकनीकी निर्देशन व सहयोग के लिये सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि आवश्यकता पड़ने पर आवासों व व्यावसायिक भवनों के क्षेत्रफल के अनुरूप वर्षाजल संरक्षण व रिर्चाज संरचनाओं का निर्माण हो सके। रेन हार्वेस्टिंग र्स्टक्चर व सरफेस वाटर र्स्टक्चर की निर्माण लागत 15000 रुपये बताई गई है, जबकि रिचार्ज शॉफ्ट की निर्माण लागत 4,44000 रुपये बताई गई है।    

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