पीलीभीत: पोर्टल में बदलाव के बाद उलझे 200 से अधिक प्रमाण पत्र, नहीं हो पा रहा संशोधन...नए आवेदन भी लटके
पीलीभीत, अमृत विचार। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक तो झट से बन जाते थे लेकिन जब से सीआरएस पोर्टल अपडेट किया गया है तब से 30 दिन से अधिक जन्म और मृत्यु होने वाले प्रमाण पत्र पोर्टल के पेंच में फंस गए हैं। इससे लंबित आवेदनों की संख्या 200 से अधिक पहुंच गई है। लोग पालिका दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं।
शहरी क्षेत्र के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सदर नगर पालिका से जारी होते हैं। जून माह से पहले तक यह जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र आसानी और समय रहते जारी हो जाते थे। लेकिन 14 जून से सीआरएस पोर्टल को अपडेट करने के लिए पोर्टल बंद कर दिया गया था। पोर्टल अपडेट करने को लेकर कई दिन पोर्टल बंद रहा था।
इसके बाद 18 जून से पोर्टल को खोला गया तो लोगों को उम्मीद थी कि अब प्रमाण जल्द जारी होने लगेंगे, लेकिन पोर्टल अपडेट करने के बाद जब काम शुरू हुआ तो यह पोर्टल पहले से भी स्लो हो गया। 18 जून से सीआरएस पोर्टल को अपडेट कर डीसी सीआरएस कर दिया गया है। इसके तहत अब 31 दिन से ऊपर वाले जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को जारी कराने के लिए पहले रजिस्टार यानी कि डीएम से अनुमति लेना होगी।
इसके अलावा प्रमाण पत्र संशोधन के लिए ओटीपी आएगा। जोकि सब रजिस्टार यानी कि संबधित पालिका के ईओ पर आएगा। इसके बाद ही काम आगे बढ़ सकेगा। मगर पोर्टल शुरू होने के बाद से समस्याएं सामने आ रही है। प्रमाण पत्र संशोधन करने के लिए ओटीपी मांग रहा है, जोकि पोर्टल की ओर से नहीं पहुंच रहा है। इस वजह से जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए लोग नगर पालिका के चक्कर लगा रहे हैं। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
पोर्टल के पूर्ण रूप से काम नहीं करने की वजह से दिनभर सिर्फ अपलोडिंग ही चल रही है। इससे कर्मचारी भी परेशान हैं। इधर, फाइलें लंबित भी हो रही है। नगरपालिका में अभी तक करीब 200 से अधिक आवेदन लंबित हो चुके हैं। कर्मचारियों के मुताबिक एक दिन में सिर्फ तीन-चार प्रमाणपत्रों पर काम हो पा रहा है। इतना ही नहीं सीएमओ की डीएसी बंद कर दी गई है। जिस वजह से स्वास्थ्य विभाग की ओर जन्म और मृत्यु प्रमाण का पत्रों का अनुमोदन जिलाधिकारी की आईडी से किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि शासन से ही अपडेशन के लिए आईडी बंद की गई है। जल्द ही शुरु कर दी जाएगी।
9 सितंबर 2015 के बाद के प्रमाणपत्रों में आ रही दिक्कत
पोर्टल में बदलाव के बाद से ज्यादातर विभागों व संस्थाओं ने डीसी प्रमाणपत्रों की मांग शुरू कर दी है। इसमें स्कूल आदि भी शामिल हैं। ऐसे में नौ सितंबर 2015 के बाद जारी प्रमाणपत्रों के रजिस्ट्रेशन नए पोर्टल पर नहीं हो पा रहे हैं। इस वजह से लोग लगातार पालिका के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा नए एडमिशन के लिए भी जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ रही है।
आवेदनकर्ता के नाम में भी आ रही गलतियां
अस्पतालों में भरे जाने वाले फार्म को नए पोर्टल के साथ अपडेट किया दिया है। इसमें अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी फार्म को भरना होता है। अस्पतालों की ओर से हिंदी का डाटा भरने में काफी गलतियां सामने आ रही हैं। नगर पालिका के कर्मचारी नए पोर्टल पर इन गलतियों का संशोधन कर रहे हैं। इसमें भी पोर्टल गड़बड़ी कर रहा है।
पोर्टल को अब केंद्र सरकार की ओर से एक ही बना दिया गया है। पुराना पोर्टल बंद हो गया है। नए पोर्टल में अपडेशन का कार्य चल रहा है। इसको लेकर मेल कराई गई है। पहले की तुलना पोर्टल में सुधार हुआ है। कुछ खामियां रह गई है। उन्हें भी दूर करने के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। -लाल चंद भारती, ईओ नगरपालिका
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