कासगंज: तीर्थनगरी की बदहाल तस्वीर दिखाता 'सोरों का बस स्टैंड', सुविधाओं को दर-दर भटकते यात्री
कासगंज, अमृत विचार। श्रद्धालुओं के लिए सोरोंजी तीर्थ नगरी है। हर महीने यहां भीड़ उमड़ती है। देश के हर हिस्से से यहां पर लोग आते हैं। हरिपदी गंगा में स्नान करते हैं तो कछला और लहरा घाट भी यहीं से जाते हैं। मगर यहां आते ही उनके सामने आ जाती है सोरों की एक बदसूरत तस्वीर। खस्ताहाल बस स्टैंड, जहां न पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही स्वच्छता के संदेश का यह पालन कर रहा है।
हर रोज सोरों के तीर्थ पुरोहितों को अपने यजमानों की जुबां से बस स्टैंड का दर्द सुनना पड़ता है। कोई रात में अंधेरे में गिर जाने की बात बताता है तो कोई सुबह शौचालय न होने से होने वाली परेशानियां। कहने को हरिपदी गंगा पर इंतजाम ठीक हैं। यहां के पुरोहितों के सबसे ज्यादा यजमान राजस्थान में हैं। पुरोहित उनके लिए अच्छे इंतजाम करते हैं, लेकिन सोरों में बस से उतरते ही जो परेशानियां इन्हें झेलनी पड़ती हैं वह सोरों की एक बदहाल तस्वीर इनके जेहन में बसा देती है।
सबसे ज्यादा राजस्थान और मध्यप्रदेश से यजमान आते हैं। बस स्टैंड पर पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सोरों को तीर्थ नगरी तो घोषित कर दिया है, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है। -सतीश भारद्वाज, पुरोहित
रोडवेज बस स्टैंड सिर्फ नाम का रह गया है। सिर्फ राजस्थान की बसें ही यहां पर खड़ी होती हैं। यूपी रोडवेज कोई भी बस तीर्थ नगरी के बस स्टैंड में प्रवेश नहीं करती है। प्राइवेट बसें रोडवेज बस स्टैंड से डग्गेमारी करती हैं। यदि बसें चलें तो सरकार को अच्छा राजस्व मिलेगा। -राहुल वशिष्ठ, पुरोहित
अलीगढ़ मंडल से आरएम कार्यालय से निर्देश मिले थे कि सोरों बस स्टैंड का निरीक्षण कर आख्या दी जाए। हमने निरीक्षण कराकर रिपोर्ट आरएम कार्यालय को प्रस्तुत कर दी है। अब वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे उसके आधार पर सोरोंजी बस स्टैंड का कायाकल्प होगा। बसें बस स्टैंड के अंदर नहीं जाती हैं इसकी जानकारी नहीं है। पता करते हैं उसके बाद उचित कार्यवाही की जाएगी। -ओम प्रकाश, एआरएम
ये भी पढ़ें- कासगंज: दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद जागा पालिका प्रशासन, बेसमेंटों को चिन्हित कर तैयार की जाएगी रिपोर्ट
