Sabarmati Express Derail: कानपुर में ट्रेन हादसा...24 घंटे बाद ट्रैक बहाल, इतने बजे पहली मालगाड़ी हुई पास
कानपुर में ट्रेन हादसे के 24 घंटे बाद ट्रैक बहाल
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन और भीमसेन के बीच में पनकी के पास शनिवार तड़के साबरमती एक्सप्रेस बोल्डर से टकराकर पटरी से नीचे उतर गई थी। ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी। हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुई थी। रविवार को कानपुर-झांसी रूट पर एक्सीडेंट वाला ट्रैक बहाल कर दिया गया है। 7:41 मिनट पर सबसे पहले मालगाड़ी पास हुई। बता दें कि, पूरी रात ट्रैक का मरम्मत का काम चलता रहा। अभी कॉशन लेकर (स्पीड 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से ट्रेनें गुजारी जाएंगी।
खुफिया एजेंसियां शासन को भेजेंगी रिपोर्ट
गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच शुक्रवार तड़के 2.30 बजे साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। हादसा या साजिश को लेकर उच्चस्तरीय जांच बैठा दी गई है। शहर में तैनात विभिन्न खुफिया टीमें अलर्ट मोड पर आ गईं। पटरी टूटने या तोड़े जाने के बाद जो भी स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर होते हैं, उसके तहत जांच शुरू कर दी गई। एजेंसियां ट्रेन चालक, गार्ड और बोगियों में सवार पैसेंजर से घटना के वक्त हुई हलचल और उस समय की स्थिति के बारे में पूछताछ करेंगी। खुफिया एजेंसियों एटीएस, आईबी और एलआईयू ने शनिवार सुबह घटनास्थल का दौरा करके हर तथ्य को जुटाया। हादसे से 71 मिनट पहले जो ट्रेन गुजरी उसके चालक ने वहां क्या देखा इसकी भी जानकारी ली जाएगी। सभी बिदुओं पर डाटा जुटाया जा रहा है। पुलिस से इतर चल रही इस जांच की रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी जाएगी।
रेल यात्री एप में दौड़ती रही साबरमती
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से थोड़ा आगे भीमसेन स्टेशन के पहले साबरमती एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई लेकिन ये ट्रेन रेल यात्री एप पर शाम तक दौड़ती रही। एप के मुताबिक रात 2 बजे सेंट्रल स्टेशन से रवाना होने के बाद ये ट्रेन कालपी रात 2.21 बजे प्लेटफार्म नंबर 1 पर पहुंची जबकि ट्रेन रात 2.30 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसी प्रकार उरई स्टेशन पर सुबह 9.31 बजे पौने सात घंटे लेट दर्शाया गया। एट स्टेशन पर इस ट्रेन को 7 घंटे लेट पहुंचना दिखाया गया। रात 2.30 बजे साबरमती एक्सप्रेस जब हादसे का शिकार हुई तो कानपुर सेंट्रल स्टेशन से एक विशेष ट्रेन अहमदाबाद के लिये वाया ग्वालियर-भिंड के रास्ते से चलाई गई लेकिन इसके रास्ते में न तो कालपी पड़ता है और न ही उरई।
