Sawan 2024: उन्नाव के शंकरपुर सरॉय में स्थापित 220 वर्ष पुराना शिव मंदिर...ये है मान्यता, जानें- क्यों कहा जाता है मिनी काशी

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Published By Nitesh Mishra
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मंदिर में विराजमान है पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव की मूर्ति

उन्नाव, अमृत विचार। गंगाघाट कोतवाली अंतर्गत प्राचीन समय में शंकरपुर सरॉय का नाम सन्नी सरॉय के रूप में जाना जाता था। गांव का नाम शंकरपुर सरॉय तब पड़ा जब यहां 21 शिव मंदिरों का निर्माण हुआ। ये मंदिर गांव को मिनी काशी का दर्जा देते हैं, क्योंकि यहां हर दिशा में शिव जी के शिवाले विराजमान है। गंगा तट के किनारे बसे इस गांव के पूर्वजों ने जगह-जगह शिव मंदिरों का निर्माण कराया था, जिससे इन शिवालयों की अलग पहचान बन गई।

शंकरपुर सरॉय में एक विशेष शिवाला है, जिसमें बाबा पशुपतिनाथ महादेव विराजमान हैं। यह मंदिर आज से लगभग 220 साल पूर्व स्वर्गीय पं. आसाराम त्रिवेदी द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर में गांव के लोगों के साथ ही आस पास के तमाम गांवों के लोग गहरी श्रद्धा रखते हैं।

त्रिवेदी परिवार के सदस्य गिरजा कान्त त्रिवेदी के अनुसार, समय-समय पर उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने खर्चे पर मंदिर का पुनर्निर्माण और रंगरोगन का कार्य कराया है। बताते है कि कुछ वर्षों पूर्व मंदिर पर आकाशीय बिजली गिरी, लेकिन चमत्कारिक रूप से मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ। मंदिर में विराजमान पशुपतिनाथ महादेव की सफेद कपूर के समान मूर्ति है, जो पंचमुखी महादेव जी का प्रतीक है। 

यहां भगवान शिव , गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय  व नंदी समेत पूरा परिवार विराजमान है। इसके अलावा भगवान विष्णु , माता लक्ष्मी, सुभद्रा और ब्रह्मा जी भी मंदिर में विराजमान है। मंदिर के बाहरी परिसर में विशाल पीपल का पेड़ और हनुमान जी की प्रतिमा भी श्रद्धा का केंद्र हैं। शंकरपुर सरॉय का यह विशेष शिवालय न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है।

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