Mangesh Yadav Encounter: मंगेश यादव के परिजनों को अजय राय ने बंधाया ढांढस, कहा- हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए न्यायिक जांच

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

जौनपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने हाल में सुलतानपुर जिले में एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान में डकैती के मामले में आरोपी एक लाख रुपये के इनामी मंगेश यादव के मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की है। 

अजय राय सोमवार को जौनपुर के बक्सा थाना क्षेत्र के अगरौरा गांव स्थित मंगेश के घर पहुंचे और उसके परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। राय ने यहां पत्रकारों से बातचीत में एसटीएफ की मुठभेड को फ़र्ज़ी करार देते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुठभेड़ पूरी तरह से गलत है, और इसकी जांच परिवार के लोग जैसा चाहते हैं, वैसी होनी चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया, ‘‘मंगेश अपने मां बाप का इकलौता बेटा था और योगी जी कह रहे हैं कि हमने 'डकैत' को मारा है, तो क्या डकैत, डकैती करके अपने घर पर सोएगा।’’ 

उन्होंने कहा, ''यदि वो डकैती करता तो क्या अपने घर पर सोता। इसकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए, जिससे मामला साफ हो और यही परिवार वालों की भी मांग है।'' राय ने आरोप लगाया, ''यह पूरी तरह से हत्या का मामला है और जो भी इनके खिलाफ खड़ा हो रहा है उसकी हत्या कराई जा रही है।’’ 

उन्होंने यह भी कहा, ''जितने भी अपराधी हैं वह सब इस समय भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं मंत्री बने हुए हैं।'' कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया, ''सरकार की तरफ से दबाव बनाकर अधिकारियों से काम करवाया जा रहा है, जिस एसटीएफ के अधिकारी ने एनकाउंटर किया उसकी पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है।'' 

उन्होंने आरोप लगाया, ''सरकार पूरी तरीके से अपनी मनमानी चला रही है।'' राय ने कहा, ''पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और हमारी पार्टी द्वारा जो भी संभव मदद होगी कराई जाएगी।'' 

सुलतानपुर जिले में पिछले महीने 28 अगस्त को एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से करीब डेढ करोड रुपये के जेवरात लूटे जाने के मामले में पुलिस ने मंगेश यादव समेत अन्य कई को आरोपी बनाया और यादव की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था । उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने पांच सितंबर को मंगेश को एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। 

यह भी पढ़ें:-UP 69000 शिक्षक भर्ती मामला: हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, सरकार को जारी किया नोटिस

संबंधित समाचार