पीलीभीत: मरीज के पास पहुंची सीलन युक्त टेबलेट, कहीं सीवेज के पानी में भीगी गोली तो नहीं बांट रहे जिम्मेदार
पीलीभीत, अमृत विचार: मेडिकल कॉलेज में गए मरीज को दवा काउंटर पर नमीयुक्त बी कॉम्प्लेक्स टैबलेट थमा दी गई। मरीज ने जब स्ट्रिप ने टेबलेट निकाली तो वह पीले रंग के चूर्ण के रुप में दिखी। इसकी जानकारी सीएमएस, सीएमओ एवं औषधि निरीक्षक से की है। वहीं दवा का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल भी उठ रहे हैं।
जनपद की 24 लाख की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए संयुक्त चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया गया था, ताकि बाहरी जिलों में इलाज के लिए नहीं दौड़ना पड़े। मगर, यहां दवा देने के नाम पर मरीजों के साथ खेल किया जा रहा है। मामला दो दिन पहले का है। शहर निवासी एक युवक दवा लेने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा। जहां पर्चा बनवाने के बाद डॉक्टर से परामर्श लिया। इसके बाद मरीज दवा काउंटर पर पहुंचा और दवाएं लीं।
दवाओं के साथ बी कॉम्पलेक्स टेबलेट भी दी गई थी। घर पहुंचकर मरीज ने जब अन्य दवाओं के साथ स्ट्रिप से बी कॉप्लेक्स टेबलेट निकाली तो टेबलेट की जगह पीला चूर्ण निकला। पूरी स्ट्रिप में टेबलेट की जगह चूर्ण निकला। बताते हैं कि अन्य मरीजों को भी दी गई बी कॉम्प्लेक्स टेबलेट भी इसी तरह की निकली। इस पर मरीज ने मामले की जानकारी औषधि निरीक्षक नेहा वैश्य, सीएमएस डॉ. रमाकांत सागर और सीएमओ डॉ. आलोक कुमार से मामले की। आरोप है कि मरीज की शिकायत का कोई संज्ञान ही नहीं लिया गया। आखिरकार मेडिकल कॉलेज के स्टोर में टेबलेट से चूर्ण में कैसे तब्दील हो गई, अगर दवा नमीयुक्त थी तो उसे मरीजों में क्यों दिया गया। इसको लेकर अफसर भी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
गंदे पानी के बीच से दवा ले जाने का वीडियो हो चुका वायरल
करीब सप्ताह भर पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक फोटो में एक कर्मचारी सीवेज के पानी से दवाएं लाते हुए नजर आ रहा था। मामला अफसरों तक पहुंचा तो खानापूरी कर दी गई। सवाल है कि कहीं सीवेज का पानी स्टोर रुम में पहुंचने की वजह से दवाओं में सीलन तो नहीं आ रही है, यह भी एक वजह हो सकती है। इतना ही नहीं एमसीएच विंग में भी कई मरीजों की दवाएं खराब निकल चुकी है। मगर, शिकायत न होने के चलते कोई एक्शन नहीं हो सका। हालांकि अफसरों का तर्क है कि एमसीएच विंग के पास सफाई करा दी गई है। मगर सीवेज टैंक आज भी फुल चल रहे हैं। जो कभी भी समस्या खड़ी कर सकते हैं।
अभी तक मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टरों की जांच कमेटी बनाई जाएगी। अगर मेडिकल कॉरपोरेशन से ही दवा गलत आई है तो वहां भी पत्राचार किया जाएगा- डॉ.संगीता अनेजा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज।
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