कानपुर में केडीए के फ्लैटों में आईं दरारें, लिफ्ट में लग गई जंग: शताब्दी नगर में बनाए गये फ्लैट्स दुर्दशाग्रस्त, कूड़े में खेलने को मजबूर बच्चे
योजनाओं में अलॉटमेंट के बाद भी लोग सुविधाओं से वंचित और गंदगी से परेशान
कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। शताब्दी नगर में केडीए की ओर से बनाए गये फ्लैट्स बुरी हालत में हैं। तमाम फ्लैट्स में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इसे लेकर वहां रहने वाले लोग सहमे हुए हैं। वहीं, नये खरीददार अव्यवस्था देखकर लौट रहे हैं। कई बहुमंजिला इमारतों में नियम से कम अलॉटमेंट की वजह से अभी तक लिफ्ट की सुविधा भी शुरू नहीं हो सकी है। इससे लिफ्ट में जंग लगनी शुरू हो गई है। लोग बुनियादी सुविधाओं से तो वंचित होने के साथ ही गंदगी से भी परेशान हैं। सीवर चेंबर भरने शुरू हो गये हैं तो बच्चे कूड़े के ढेर के बीच खेलने को मजबूर हैं।
शताब्दी नगर में केडीए की रामगंगा इन्क्लेव टाइप-1, टाइप 2 सुलभ, अमन इन्क्लेव, सुलभ आवास टाइप-3 गंगा, केडीए ड्रीम्स, सुलभ आवास टाईप-1 हिमालय, सुलभ आवास टाइप 2 हिमगिरी, नीलगिरी, सरस्वती, सुलभ आवास टाईप-3 यमुना, मंदाकिनी योजना में बहुमंजिला इमारतें बनी हैं। इसमें 1,2 और 3 बीएचके फ्लैट्स बनाये गये हैं। यहीं जवाहरपुरम में भी सेक्टर 6 और 13 में प्रगति और एकता एन्क्लेव बने हैं।
इन योजनाओं में लगभग 6.5 हजार फ्लैट खाली हैं। इनमें कुछ योजनाओं को छोड़ दिया जाये तो अधिकतर में फ्लैट्स की हालत खराब है। रामगंगा इन्क्लेव टाइप-1 जिसमें 2 बीएचके फ्लैट्स बने हैं। इस भवन में कई फ्लैट्स में दरारें आ गई हैं। यहां रहने वाले एक आवंटी ने बताया कि भवनों को बने ज्यादा दिन नहीं हुये फिर भी प्लास्टर टूट रहा है।
दीवारों में दरारें आ गई हैं। एक बिल्डिंग में 10 से कम आवंटी होने की वजह लिफ्ट भी नहीं शुरू हो सकी है। इससे उसमें जंग लग रही है। भवन इतने कमजोर हैं कि बालकनी में आने से डर लगता है। रात होते ही चारो ओर घुप अंधेरा छा जाता है। इससे लोग घरों में ही कैद हो जाते हैं। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत एक कर्मचारी ने कहा कि यहां फ्लैट्स न लीजिये तभी ठीक है।
अंकल प्लीज कूड़ा साफ करवा दीजिए
अमृत विचार समाचार पत्र का कैमरा देख कांशीराम और केडीए के फ्लैट्स के बीच बनी सड़क पर खेल रहे बच्चों ने कहा कि यहां से कूड़ा हटवा दीजिए, खेलने में बहुत दिक्कत होती है। बच्चों ने कहा कि पार्क में झाड़ियां उग आई हैं, सफाई न होने से पार्क में कोई नहीं जाता है। सफाई कर्मचारी व यहां रहने वाले लोग सड़क पर कूड़ा डाल रहे हैं। जिससे सड़क पर ही गंदगी बजबजाती है।
कीमतें फ्रीज फिर भी नहीं बिक रहे फ्लैट्स
केडीए की योजनाओं में बने ईडब्लूएस फ्लैटों में कुल कीमत की 25 प्रतिशत धनराशि देने और एलआईजी, एमआईजी, एचआईजी फ्लैटों की कीमत की 50 प्रतिशत धनराशि के साथ वर्तमान तक की किस्तें जमा होने पर पंजीकृत अनुबन्ध के आधार पर कब्जा दिया जा रहा है। 31 मार्च 2025 तक यह स्कीम प्रभावी है। इससे आम जनता को राहत है। क्योंकि वह फ्लैट में रहते हुये किस्त दे सकते हैं, लेकिन असुविधाओं को देखकर लोग वापस लौट रहे हैं। वर्ष 2016 से विभिन्न योजनाओं में बनाई गई 10 बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट खाली पड़े हैं। इस कारण विभाग के कई अरब रुपये फंसे हैं।
हम फ्लैट्स को पूरी तरह से सही करके दे रहे हैं। आवंटी जो समस्याएं बताते हैं उन्हें दूर करते हैं।- मदन सिंह गर्ब्याल, केडीए उपाध्यक्ष
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