प्रयागराज: तलाक के मामले में परिवार न्यायालय की अधिकारिता तय करता है विवाह का स्थान- HC

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Published By Vishal Singh
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक तलाक मामले पर विचार करते हुए निष्कर्ष दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 19(i) उस न्यायालय को अधिकारिता प्रदान करती है, जिसकी स्थानीय सीमाओं के भीतर पक्षकारों के बीच विवाह संपन्न हुआ हो। 

मौजूदा मामले में कोर्ट ने पाया कि दोनों पक्षकारों का विवाह प्रतापगढ़ में हुआ था और वे अंतिम बार नई दिल्ली में जोड़े के रूप में रहते थे। प्रयागराज में केवल एक पार्टी का आयोजन करने मात्र से प्रयागराज के परिवार न्यायालय को तलाक के मामले में सुनवाई करने की अधिकारिता प्राप्त नहीं होती है। इसके अलावा आवेदन में ऐसा कोई तथ्य शामिल नहीं था कि दोनों पक्ष प्रयागराज में एक जोड़े के रूप में कभी रहते थे। अतः कोर्ट ने परिवार न्यायालय, प्रयागराज द्वारा अधिकारिता के अभाव में  आवेदन को खारिज करने के आदेश को बरकरार रखा। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने अनूप सिंह की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया।

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