Bareilly: संतोष गंगवार और धर्मेंद्र कश्यप ने कार्यकाल में क्या काम किया? विकास कार्यों की होगी जांच

Bareilly: संतोष गंगवार और धर्मेंद्र कश्यप ने कार्यकाल में क्या काम किया? विकास कार्यों की होगी जांच

अनुपम सिंह, बरेली। केंद्र सरकार ने जिले के दोनों संसदीय क्षेत्रों में 17वीं लोकसभा (2019 से 2024) के दौरान कराए गए 80 विकास कार्यों का ब्योरा तलब किया है। बताया जा रहा है कि ब्योरा हासिल करने के बाद केंद्र की ओर से इन विकास कार्यों की थर्ड पार्टी जांच कराई जानी है जिसके लिए एजेंसी का भी चयन कर लिया गया है। डीआरडीए ने रिपोर्ट तैयार करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

विभाग के मुताबिक यह रिपोर्ट केंद्र के साथ नियोजन विभाग लखनऊ को भी भेजी जानी है। 17वीं लोकसभा में बरेली में संतोष गंगवार और आंवला में धर्मेंद्र कश्यप सांसद थे। केंद्र सरकार की ओर से एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 के बीच दोनों संसदीय क्षेत्रों में कराए गए 80 विकास कार्याें का बिंदुवार ब्योरा मांगा है। इस संबंध में आदेश आने के बाद डीआरडीए ने रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि भेजे जाने के बाद इन विकास कार्यों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए थर्ड पार्टी के तौर पर एफसी इंडिया लिमिटेड नाम की एजेंसी का चयन किया गया है। यह एजेंसी उन्हीं कार्यों की जांच करेगी जिनका विवरण भेजा जाएगा।

बताया जा रहा है कि अपनी जांच के दौरान थर्ड पार्टी देखेगी कि मौके पर कार्याें की गुणवत्ता और स्थिति क्या है। जो काम कराए गए थे, उससे जनता को कितना लाभ मिला। जितना पैसा खर्च किया गया, उसकी तुलना में कितनी आबादी को कितना लाभ मिला। डीआरडीए से इसके अलावा सांसद निधि से 2019 से 2024 के बीच कराए गए कार्यों की भी संख्या पूछी गई है। विभाग संतोष गंगवार और धर्मेंद्र कश्यप के 40-40 कार्याें की रिपोर्ट तैयार करेगा। पीडी डीआरडीए चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव के अनुसार निर्धारित बिंदुओं पर सूचना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि थर्ड पार्टी जांच के लिए विभाग के एई को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

ढेर बिंदुओं पर 15 दिन के अंदर देनी है रिपोर्ट मुश्किल में पड़े बरेली के अधिकारी
रिपोर्ट तय बिंदुओं पर देनी होगी। रिपोर्ट में बताना होगा कि सांसद निधि की पहली और दूसरी किस्त कब जारी हुई। समय पर जारी हुईं या नहीं, किस वित्तीय वर्ष में कितने काम हुए, उनकी श्रेणी क्या थी और काम करने वाली संस्था कौन थी। किस काम पर कितना खर्च हुआ, काम कब शुरू होकर कब खत्म हुआ, इसके अलावा कार्यवृत्ति प्रमाणपत्र भी मांगा गया है। केंद्र की ओर से रिपोर्ट भेजने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। हालांकि बरेली के अधिकारी और समय की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी यह बात रखी गई थी।

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