प्रयागराज : जुबैर के 'X' पर किए गए कथित पोस्ट मामले की सुनवाई 18 फरवरी को भी रहेगी जारी

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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Amrit Vichar, Prayagraj : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यति नरसिंहानंद के भाषण पर मोहम्मद जुबैर के ट्वीट पोस्ट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता से पूछा कि क्या राज्य के कार्यों पर असंतोष व्यक्त करने वाले नागरिक के कृत्यों को बीएनएस, 2023 की धारा 152 के तहत विध्वंसक गतिविधि माना जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से प्रश्न किया कि जुबैर के खिलाफ उक्त धारा कैसे सुनिश्चित की गई।

जिसके जवाब में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि जुबैर ने यति नरसिंहानंद के भाषण को संपादित करके साझा किया, जबकि नरसिंहानंद पूरे भाषण को प्रसारित करना चाहते थे। इस प्रकार याची के कृत्य को विनाशकारी सिद्ध किया जा सकता है। अधिवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि जुबैर के शब्दों ने भीड़ को सशस्त्र विद्रोह के लिए उत्तेजित कर दिया था, जिससे भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव किया। उपरोक्त  तर्क को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने पुनः प्रश्न किया कि क्या आपकी एफआईआर को यति नरसिंहानंद के खिलाफ दर्ज एफआईआर का जवाबी हमला कहा जा सकता है। इसके अलावा कोर्ट ने आगे प्रश्न करते हुए पूछा कि अगर जुबैर ने संपादित वीडियो पोस्ट किया तो क्या इसे अपराध माना जा सकता है।

इसके जवाब में अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि डासना मंदिर में एकत्र लोगों ने यह बताया था कि उन्हें जुबैर के ट्विटर पोस्ट के माध्यम से यति नरसिंहानंद के भाषण के बारे में पता चला। इसके अलावा जुबैर ने जांच अधिकारी के समक्ष खुद स्वीकार किया था कि उन्होंने तथ्यों की जांच किए बिना ही ट्वीट पोस्ट कर दिए थे। सोमवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संपादक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती देते हुए याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जुबैर की पोस्ट एक तथ्य जांचकर्ता के रूप में उनके पेशेवर दायित्व के तहत की गई थी।

यह भारतीय न्याय संहिता के तहत किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। याची ने अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करके नरसिंहानंद के आचरण को उजागर किया है। जुबैर ने अपने ट्वीट में 24 आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा ना चलाए जाने पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। अंत में कोर्ट ने समयाभाव के कारण सुनवाई पूरी न होने पर जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक 18 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी। अब मामले की सुनवाई 18 फरवरी यानी मंगलवार को भी जारी रहेगी।

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