Bareilly: कैसे होगा जल जीवन मिशन सफल? घरों की टोंटियां अब भी सूखी, लोगों की मायूसी और बढ़ी

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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गर्मियां शुरू होने के साथ बढ़ी पानी की जरूरत तो बढ़ने लगा ग्रामीणों का गुस्सा, साल भर से अफसर गिना रहे हैं हवाई आंकड़े

बरेली, अमृत विचार। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना इस गर्मी में जिले भर के गांवों में लोगों की मायूसी और बढ़ाने वाली है। घरों में लगी जिन टोंटियों से उन्हें पानी की आपूर्ति की उम्मीद थी, वे अब तक सूखी पड़ी हैं। जिले भर में योजना के काम इस कदर अधर में लटके हुए हैं कि इन टोंटियों से जल्द पानी आने की उम्मीद भी बाकी नहीं बची है।

हर घर जल योजना का क्रियान्वयन जल निगम का ग्रामीण खंड करा रहा है जिसके अफसरों की जुबां पर आंकड़े तो बदल रहे हैं लेकिन गांवों में अधूरे पड़े कामों की स्थिति बदलने में नहीं आ रही। गर्मियां शुरू होने के साथ अब पानी की जरूरत बढ़ने लगी है तो अधूरे पड़े कामों पर ग्रामीणों का गुस्सा भी बढ़ने लगा है। सरकारी आंकड़ों से इतर तमाम गावों में कनेक्शन ही नहीं दिए जा सके हैं। जिन गांवों में कनेक्शन दिए गए हैं, वहां भी पानी नहीं पहुंच रहा है। इन गांवों में कहीं ओवरहेड टैंक नहीं बना है तो कहीं पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी है।

बता दें कि जिले में जल जीवन मिशन पर वर्ष 2022 में काम शुरू हुआ था। इसके तहत जिले के सभी 1806 गांवों में घर-घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य था। इसके लिए जल निगम को गांव-गांव ट्यूबवेल और ओवरहेड टैंक बनाने के पाइप लाइन बिछाकर कनेक्शन देने का काम मार्च 2024 तक पूरा करना था।

समय से काम पूरा न होने पर एक-एक कर दो बार मियाद बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दी गई लेकिन इसी बीच शासन ने भुगतान रोका तो ठेकेदारों ने काम रोक दिया। शासन ने अब 31 मार्च 2025 तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है लेकिन अब तक काम ही बंद पड़ा है।

कागजी आंकड़े... असल स्थिति क्या, किसी को नहीं पता
जल जीवन मिशन के तहत जिले में हर घर जल पहुंचाने की योजना की असल स्थिति क्या है, इसका किसी को अंदाजा ही नहीं लग पा रहा है। वजह यह है कि जल निगम के आंकड़ों में भीषण झोल है। जल निगम के अफसर जिले के 1806 गांवों में 1109 गांवों में काम पूरा करने का दावा कर रहे हैं जो करीब दो तिहाई है। इसके बावजूद 94 फीसदी (4,78,900 के लक्ष्य के सापेक्ष 4,52,358 ) घरों में कनेक्शन देने की बात कही जा रही है।

जिले भर में 877 ओवरहेड टैंक बनने थे जिनमें से 296 ही बने हैं जो करीब एक तिहाई ही हैं। ऐसे में 94 फीसदी घरों में कनेक्शन कैसे दे दिए गए, ये किसी को समझ नहीं आ रहा है। असलियत यह है कि बिथरी, शेरगढ़, नवाबगंज ब्लॉक के ज्यादातर गांवों में कनेक्शन नहीं दिए गए हैं।

अफसरों के दावों का कोई सत्यापन भी नहीं
हर घर नल से जल योजना पर शासन की ओर से कई बार सर्वोच्च प्राथमिकता जताई जा चुकी है लेकिन जिले के ज्यादातर जनप्रतिनिधि ही इस योजना की हालत से बुरी तरह निराश हैं। पिछले दिनों दिशा की बैठक में कई जनप्रतिनिधियों ने गांवों में उखड़ी पड़ी सड़कों और घरों में लगाई टंकियों के सूखा पड़े रहने का मुद्दा उठाते हुए गहरी नाराजगी जताई थी।

इस पर डीएम ने जल निगम की एक्सईएन को काम में तेजी लाकर उसे हर हाल में मार्च तक पूरा करने का निर्देश दिया था। जल निगम के अफसरों ने इस बैठक में भी कागजी आंकड़े पेश किए थे। जनप्रतिनिधियों ने इन्हें फर्जी बताते हुए सख्त आपत्ति की थी। इसके बावजूद इन आंकड़ों का कोई सत्यापन भी नहीं कराया गया।

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