Holi 2025 :सांसो से जुडी बीमारी तो हो जाये सावधान, रंग-गुलाल बढ़ा देगा एलर्जी का खतरा
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अमृत विचार | केजीएमयू रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय वर्मा के मुताबिक जिन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारी है उन्हें ठंडे पानी से बचकर रहना चाहिए। सांस के रोगी भी इसे ध्यान रखें। अधिक देर तक गीली होली नहीं खेलनी चाहिए। गुलाल से अस्थमा अटैक के साथ-साथ एलर्जी का खतरा भी बढ़ जाता है। त्योहारी सीजन में मधुमेह रोगियों को मीठे के सेवन से बचना चाहिए।
आंखों की सेहत का रखें खयाल
केजीएमयू नेत्र रोग विभाग के डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि रंग खेलने से पहले खास अहतियात बरतें। आंखों में चश्मा पहनें। ताकि खतरनाक रंगों के रसायन से आपकी आंखें बच सकें। बच्चों को गुब्बारों से खेलने के लिए उत्साहित न करें। क्योंकि गुब्बारे आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने रंग लगे हाथों को आंखों के पास न ले जाएं। आंखों को किसी प्रकार का खतरा हो, उससे पहले आप किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ से अवश्य ही संपर्क करें। उन्होंने बताया कि गुलाल में ऐसे छोटे-छोटे कण मौजूद होते हैं, जो यदि आंखों में चले जाएं तो कार्निया को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि आंखों में कोई रंग चला जाए तो तुरंत पानी के छीटे मारें।
शरीर में लगाएं तेल
बलरामपुर अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएच उस्मानी के मुताबिक रंग खेलने से पहले त्वचा पर सरसों या फिर नारियल का तेल जरूर लगाएं। सिर पर टोपी लगाएं। जिससे बाल रंगों के दुष्प्रभाव से बचा सकें। रंग लगने के बाद एकदम से रंग छुड़ाने का प्रयास न करें। एकाध दिन में रंग खुद-ब-खुद छूट जाता है। लिहाजा बार-बार साबुन लगाने से बचें। उबटन का प्रयोग भी रंग छुड़ाने के लिए किया जा सकता है।
अस्पतालों में मिलेगा तत्काल इलाज
होली पर किसी अनहोनी के लिए सरकारी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट पर रखा गया है। 150 से ज्यादा बेड आरक्षित किए गए है। साथ ही साथ ही एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 भी अलर्ट पर रहेंगी। कई प्रमुख चौराहों पर एम्बुलेंस खड़ी रहेंगी। सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंच सकेगी। चिकित्सकों का ड्यूटी चार्ट भी तैयार कर लिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञ ऑन कॉल सेवा देंगे।
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