बिजनौर में फिर गुलदार का हमला, किसान गंभीर रूप से घायल, ग्रामीणों में आक्रोश
बिजनौर, अमृत विचार। जिले में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना चांदपुर थाना क्षेत्र के चौधेड़ी गांव की है, जहां दो किसानों पर गुलदार ने हमला कर दिया। इस घटना में एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
गांव में इस हमले के बाद दहशत का माहौल है, वहीं ग्रामीण वन विभाग की निष्क्रियता से बेहद नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे यह हमला हुआ।
28 मौतों के बावजूद वन विभाग बेपरवाह
बिजनौर जिले में गुलदार के हमलों में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद, वन विभाग इन हमलों को रोकने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है।
पिछले महीने इसी गांव में गुलदार ने एक महिला की जान ले ली थी, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस रणनीति नहीं अपनाई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन समय पर एक्शन लेता तो यह हमला नहीं होता।
वन विभाग की बड़ी चूक
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की टीम सुबह गांव पहुंची, ड्रोन उड़ाकर सर्वे किया और कहा कि गुलदार नहीं है। इसके बाद ग्रामीण खेतों में गए, तभी गुलदार ने हमला कर दिया।
वन रेंजर दुष्यंत सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि हमने खेत में जाल लगाया था और ड्रोन से देखा, लेकिन गुलदार नजर नहीं आया। जब ग्रामीण खेत में गए, तभी हमला हो गया। वन कर्मियों परवेज, विवेक और अनीस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
ग्रामीणों की मांग: गुलदार को जल्द पकड़ा जाए या मार गिराया जाए
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है और असल समस्या को हल करने में नाकाम साबित हो रहा है। एक ग्रामीण ने कहा कि अगर ड्रोन से गुलदार नहीं दिखा था, तो हमें जंगल में क्यों भेजा गया? अगर पहले से सुरक्षा के उपाय किए जाते तो यह हमला नहीं होता।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गुलदार को जल्द से जल्द पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए या इसे मार गिराने की अनुमति दी जाए। अब देखना यह है कि वन विभाग इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है या फिर लोगों को इसी दहशत में जीना पड़ेगा।
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