लखीमपुर खीरी: हाईवे पर मकान के पिलर से टकराई कार, शिक्षक की मौत

Amrit Vichar Network
Published By Preeti Kohli
On

बिजुआ, अमृत विचार: भीरा-लखीमपुर हाईवे पर शुक्रवार को एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला। संपूर्णानगर से लखीमपुर जा रही एक कार थाना भीरा क्षेत्र के गांव मूसेपुर के निकट अनियंत्रित होकर निर्माणाधीन मकान के पिलर को टक्कर मारते हुए मकान के बीम से जा टकराई।

हादसे में कार सवार शिक्षक और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को सीएचसी लाया गया, जहां शिक्षक की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते परिवार में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

हादसा शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे के करीब हुआ। थाना संपूर्णानगर के गांव रानीगंज निवासी शिक्षक धर्मेंद्र कुमार (55) किसी काम से कार में सवार होकर लखीमपुर जा रहे थे। कार शकील (21) पुत्र सगीर निवासी सुमेरनगर थाना संपूर्णानगर चला रहा था। बताते हैं कि कार अत्यधिक स्पीड में थी।

थाना भीरा क्षेत्र के मूसेपुर गांव के पास चालक का कार की स्टीयरिंग से नियंत्रण छूट गया। कार अनियंत्रित होकर हाईवे किनारे बन रहे एक मकान के पिलरों को तोड़ते हुए उसके बीम से टकरा गई। हादसे के बाद मौके पर तमाम लोगों की भीड़ जुट गई। लोगों ने किसी तरह से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई कार में फंसे शिक्षक और चालक को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पड़रिया तुला चौकी इंचार्ज उमराव सिंह फोर्स के साथ पहुंचे। यूपी 112 की पीआरवी से दोनों घायलों को सीएचसी बिजुआ भेजा, जहां डॉक्टर ने शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को मृत घोषित कर दिया। वहीं हालत गंभीर होने पर चालक शकील को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया है।

हादसे में मौत होने की खबर मिलते ही शिक्षक के परिवार में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिवार के लोग और तमाम शिक्षक साथी भी बिजुआ अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

बाइक को बचाने के प्रयास में हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार की स्पीड काफी अधिक थी। इसी बीच अचानक बाइक चालक कार के सामने आ गया, जिसे बचाने के चक्कर में चालक कार को नियंत्रित नहीं कर सका और कार मकान के पिलरों को तोड़ते हुए बीम से टकरा गई, जिससे हादसा हो गया।

उधर, मूसेपुर के ग्रामीणों का कहना है कि गांव के निकट हाईवे पर बनी पुलिया पर एक छोटा गड्ढा है। यह गड्ढा भी दुर्घटनाओं का सबब बन रहा है, लेकिन जिम्मेदार जानकर भी गड्ढे को ठीक नहीं कर रहे हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी: सरकारी केंद्रों पर गेहूं की खरीद धीमी, प्राइवेट आढ़ती किसानों को दे रहे अधिक मूल्य

संबंधित समाचार