UP: भाकियू नेता की हत्या के विरोध में छावनी में तब्दील हुआ गांव, परिजनों ने की एनकाउंटर की मांग
फतेहपुर, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के हथगाम क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के जिला उपाध्यक्ष समेत तीन लोगों की हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर और घर को बुलडोजर से ढहाये जाने की मांग को लेकर भाकियू के हजारों कार्यकर्ता घटना के 30 घंटे बाद भी मौके पर डटे हुये हैं और तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिये पुलिस को नहीं सौंप रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुये अखरी गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
जिलाधिकारी रवीन्द्र सिंह और पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल प्रदर्शनकारी किसान और परिजनों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं मगर अब तक दो दौर की बातचीत का नतीजा सिफर रहा है। पुलिस ने छह आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है मगर परिजन और भाकियू कार्यकर्ता इससे संतुष्ट नहीं है और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। गांव में तनाव का माहौल है। गौरतलब है कि क्षेत्र के ग्राम लवरी निवासी भाकियू के जिला उपाध्यक्ष विनोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह (55) अपने छोटे भाई पिंकू सिंह (50) और पुत्र अभय सिंह (22) के साथ मंगलवार सुबह एक ही मोटर साइकिल से अपने खेत से गांव अखरी वापस आ रहे थे कि तभी तहिरापुर के पास ट्रैक्टर सवारों ने उनका रास्ता रोका और ताबड़तोड़ फायरिंग की जिससे घटनास्थल पर ही तीनों की मृत्यु हो गयी। पुलिस ने इस मामले में पियूष सिंह और सुरेश सिंह को पैर में गोली मार कर कल शाम गिरफ्तार कर लिया था जबकि अन्य चार आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।
परिजनों की मांग है कि सभी छह आरोपियों का एनकाउंटर किया जाये, आरोपियों के घर को बुलडोजर से ढहाया जाये और मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाये। मृतक की मां शिव दुलारी सिंह वर्तमान में प्रधान है। इस मामले में भाकियू के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष अनुज सिंह समेत हजारों किसान मौके पर डटे हुये है। शवों को उनके घर के सामने रखा गया है। पुलिस ने किसानो के रोष और तनाव को देखते हुये एहतियात के तौर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये है। गांव में एक बुलडोजर भी खड़ा किया गया है। सूत्रों के मुताबिक किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान इसी क्षेत्र के रहने वाले है। मृतक और हमलावर दोनों क्षत्रिय बिरादरी के हैं। प्रधानी के चुनाव व राजनैतिक समीकरणों के कारण दोनों के बीच काफी अर्सें से वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही है पर यह खूनी संघर्ष पहली बार हुआ है। स्थानीय पुलिस के प्रति ग्रामीणों का काफी रोष है।
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