हज आजमीन का पहला जत्था रवाना: रिश्तेदार, बिरादरी व पड़ोसी से अपने गलती की माफी मांगने मदीना पहुंच रहे आजमीन
कानपुर, अमृत विचार। सोमवार रात 2 बजे चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट लखनऊ से 300 से अधिक आजमीन को लेकर सऊदी एयरलाइंस का विमान मदीना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ। कानपुर से भी बड़ी संख्या में लोग आजमीन को विदा करने के लिए पहुंचे थे। हज पर जाने से पहले लोग अपने रिश्तेदार, पड़ोसी, करीबी लोगों से मिलने उनके घर पहुंचे और उनके सामने गिड़गिड़ाकर कहा कि अगर जाने अनजाने में कोई गुनाह हो गया हो या कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ कर दें और गले लगाकर फूट-फूटकर रोए।
कानपुर के आजमीन भी इसी सप्ताह लखनऊ के एयरपोर्ट से मदीना एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरेंगे। कानपुर नगर से 479 और ग्रामीण क्षेत्र से 11 आजमीन हज की अदायगी करने के लिए जाएंगे। कानपुर से लखनऊ आजमीन को विदा करने गए हज कमेटी के पूर्व मास्टर ट्रेनर अलहाज शारिक अलवी ने आजमीन को संबोधित करते हुए कहा कि आप अल्लाह के घर का मेहमान बनकर जा रहे हैं। हज करने के लिए अपने आपको फरिश्तों की मानिंद बनाएं यानी गुनाहों से तौबा कर लें और किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करें। मास्टर ट्रेनर ने आजमीन को बताया कि मदीना में कितनी रिकआत नमाज अदा करना है और कब मक्का के लिए जाना है, कहां कौन सी दुआ पढ़ना है। एहराम कहां पर बांधा जाएगा।
कानपुर नगर-देहात से मात्र 490 आजमीन
आजादी के बाद ये पहला मौका है जब हज के लिए कानपुर नगर और देहात से मात्र 490 लोगों ने ही आवेदन किया है। इनमें कानपुर नगर में 479 एवं शेष कानपुर देहात के हैं। दो दशक पूर्व कानपुर से 2200 से 2500 लोग होते थे और कोटा 1000 कभी 1200 का ही होता था। लाटरी के माध्यम से लोगों के नाम निकाले जाते थे और केंद्र सरकार से तमाम लोग सिफारिश लगाकर हज की सूची में नाम लाने की कोशिश करते थे। लेकिन अब हज पर जाने वालों की संख्या बहुत कम हो गई है।
उमरा की ओर बढ़ा रुझान
हज की अदायगी में 40 दिन का समय लगता है और खर्च लगभग 4 लाख रुपये आता है लेकिन उमरा 15 दिन के लिए होता है और इसपर मात्र 60 से 70 रुपये ही खर्च होते हैं। महंगाई के दौर में लोग हज पर जाने के बजाय उमरा पर अधिक जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के पूर्व मास्टर ट्रेनर हाजी शारिक अलवी का कहना है कि महंगाई के दौर में लोग हज के बजाय उमरा पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं।
