बदायूं : बहला फुसलाकर ले जाकर दुष्कर्म करने के दोषी को 10 साल का कारावास
दोषी पर 40 हजार रुपये लगाया जुर्माना, पीड़िता को दी जाएगी धनराशि

बदायूं, अमृत विचार। नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दिनेश तिवारी ने दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की धनराशि क्षतिपूर्ति के लिए पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा ने कोतवाली बिल्सी पुलिस को 23 जनवरी 2019 को तहरीर दी थी। बताया कि उनकी नाबालिग बेटी कक्षा 11 की छात्रा है। 16 जनवरी को वह पढ़ने के लिए स्कूल गई थी। गांव से निकलते ही सुखवीर पुत्र सुरमुख और उसके चाचा राम आसरे पुत्र प्रकाश उनकी बेटी को बहला फुसलाकर ले गए। घर वापस न आने पर परिजनों ने छात्रा की तलाश की। 18 जनवरी को छात्रा बिल्सी की गल्ला मंडी के पास मिली। उसने बताया कि वह स्कूल जा रही थी। इसी दौरान सुखवीर और उसके चाचा राम आसरे मिले। जबरदस्ती उसे कार में डालकर ले गए। सुखवीर उसे अपनी मौसी के घर नगरिया ले गया। एक कमरे में बंद करके सुखवीर ने उसके साथ गलत काम किया। न्यायालय में सुखवीर के खिलाफ नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने का मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद सुखवीर को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
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