कानपुर : सीआईएस सर्वे की समस्या सीएम तक पहुंचेगी

मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने प्रक्रिया शुरू की, हाल ही में उद्यमियों को श्रमायुक्त को बताई थी अपनी समस्याएं
कानपुर : मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश की ओर से सीआईएस सर्वे की समस्याएं मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएंगी। इसके लिए पदाधिकारियों ने तैयारी तेज कर दी हैं। उद्यमियों ने मुलाकता के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। उद्यमियों का कहना है कि इस सर्वे की वजह से उन लोगों को तमाम मुश्किलें सामने आ रही है। जिससे कारोबार करनाा मुश्किल हो रहा है।
सर्वे की समस्याओं को मर्चेंट्स चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश की इंडस्ट्री समिति की ओर से लगातार उठाया जा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि उद्योगों को सीआईएस (अनुपालन एवं निरीक्षण दल) की ओर से मनमानी जांच के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। बगैर किसी पूर्व सूचना के सर्वे के नाम पर अधिकारी युनिट में प्रवेश करते हैं। 5-6 अधिकारियों की टीम 35 पन्नों की अनुपालन जांच सूची (चेकलिस्ट) सौंप दी जाती है। यह सूची इतनी विस्तृत और जटिल होती है कि उद्योगों के लिए इसे पूरा करना बेहद कठिन हो जाता है।
निरीक्षण दल उद्यमियों का सहयोग भी नहीं करते हैं। सर्वे के बाद एक महीने के भीतर अभियोजन की कार्यवाही शुरू हो जाती है। सर्वे पर मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश के इंडस्ट्री कमेटी के चेयरमैन सुशील शर्मा ने बताया कि यह स्थिति न केवल नए उद्योगों की स्थापना में बाधा बन रही है, बल्कि पहले से चल रहे उद्योगों को भी बंद होने की कगार पर ला रही है। इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के लिए समय भी मांगा जा रहा है।
श्रमायुक्त को दिया सुझाव
मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश की ओर से हाल ही में इस विषय को लेकर श्रमायुक्त से भी उद्यमियों ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन लोगों ने श्रमायुक्त को सर्वे से संबंधित कई प्रक्रिया को सरल किए जाने का सुझाव दिया था। इन सुझाव में उद्यमियों को सर्वे के पूर्व सूचना दिया जाना भी शामिल था। तय यह भी हुआ था कि श्रमविभाग के अधिकारी उद्यमियों के साथ बैठकर जटिल नियमों व सर्वे प्रक्रिया को उद्यमियों को सामने बैठक विस्तार से समझाएं।
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