बाराबंकी : झोपड़ी से जापान तक, बाल वैज्ञानिक पूजा ने रच दिया इतिहास

सकुरा हाई स्कूल प्रोग्राम के तहत जापान विजिट, शाम 7 बजे दिल्ली से फ्लाइट
अमृत विचार : पूजा ने साबित कर दिया कि अगर हौसला बुलंद हो, तो झोपड़ी से निकलकर भी अंतरिक्ष छूना संभव है। विकास खंड सिरौलीगौसपुर के छोटे से गांव अगेहरा की रहने वाली बाल वैज्ञानिक पूजा को भारत सरकार द्वारा संचालित 'सकुरा हाई स्कूल प्रोग्राम' के तहत 14 जून से 21 जून तक एक सप्ताह की जापान यात्रा पर भेजा जा रहा है। पूजा की फ्लाइट आज शाम सात बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना होगी। इससे पहले दिल्ली स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में पूजा समेत देशभर से चयनित 54 विद्यार्थियों का ओरियंटेशन कार्यक्रम आयोजित होगा।
इस यात्रा के दौरान पूजा अन्य भारतीय छात्रों के जापान के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति का अनुभव करेगी। इस यात्रा में वह आधुनिक प्रयोगशालाओं और इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स में भी भाग लेंगी, साथ ही जापानी संस्कृति को भी करीब से अनुभव करेगी। साथ ही जापानी छात्रों व वैज्ञानिकों से संवाद कर अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दृष्टिकोण प्राप्त करेगी। पूजा वर्तमान में जगदीशचंद्र फतेहराय इंटर कॉलेज में कक्षा 12 की छात्रा हैं। बचपन से ही प्रतिभाशाली रही पूजा ने कक्षा 8 में एक अनोखा 'धूल रहित थ्रेशर' मॉडल बनाया था। स्कूल के पास गेहूं की मढ़ाई के दौरान उड़ने वाली धूल से परेशान बच्चों के लिए यह मॉडल किसी वरदान से कम नहीं आंका गया।
टिन और पंखे की सहायता से बनाए गए इस मॉडल में उड़ने वाली धूल को एक थैले में संग्रहित करने की तकनीक अपनाई गई। इस मॉडल को पहले जिला, फिर राज्य और अंततः राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली। पूजा की इस वैज्ञानिक सोच के पीछे उनके मार्गदर्शक शिक्षक राजीव श्रीवास्तव का बड़ा योगदान रहा है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से आने वाली पूजा के पिता पुत्तीलाल मजदूरी करते हैं और मां सुनीला उसी स्कूल में रसोईया हैं जहाँ पूजा पढ़ती थीं। पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर की पूजा ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और विज्ञान को अपना रास्ता बना लिया। पूजा के जापान रवाना होने से पहले जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी त्रिपाठी, बीएसए संतोष कुमार देव पाण्डेय, बाराबंकी रोटरी क्लब और अन्य शिक्षक संगठनों ने उन्हें सम्मानित कर शुभकामनाएं दीं।
इसके साथ ही गाइड टीचर राजीव श्रीवास्तव के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा परिषद के तमाम शिक्षक फूल मालाओं से लादकर पूजा को धूमधाम से बाराबंकी से लखनऊ तक लेकर गये। इस दौरान शिक्षक सुनील कुमार, संतोष वर्मा, सुभाष तिवारी, गंगा सरन, नीरज श्रीवास्तव, विनय वर्मा, विवेक गुप्ता, अशोक शुक्ला, सत्य प्रकाश कनौजिया, पंकज श्रीवास्तव और प्रभान प्रतिनिधि अनिल वर्मा व पूजा के माता पिता शामिल रहे। लखनऊ से दिल्ली तक पूजा अपने स्कूल के शिक्षक बृजेंद्र सरोज के साथ गईं। पूजा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर आज न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव गर्व से झूम उठा है।
छात्रा पूजा ने इंस्पायर अवार्ड मानक की राष्ट्रीय विजेता बनकर और आईआरआईएस नेशनल फेयर में देश के टॉप 100 विद्यार्थियों में स्थान पाकर उत्तर प्रदेश व भारत का नाम रोशन किया है। सीमित संसाधनों के बावजूद पूजा ने विज्ञान व तकनीक में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश के 54 चयनित छात्रों में जगह बनाई है और अब जापान जा रही है। पूजा उन हज़ारों बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई हैं जो संसाधनों की कमी से हार मान लेते हैं। यब मेरे लिये फक्र की बात है।
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