Census 2027: 'मौलवियों के बहकावे में न आये' जाति जनगणना को लेकर BJP की खास अपील, मुस्लिम साझा करे अपनी सही जानकारी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने बुधवार को कहा कि पार्टी आगामी जाति-आधारित जनगणना के बारे में खासकर मुस्लिम समुदाय के भीतर जानकारी के उचित प्रचार-प्रसार के लिए जल्द ही एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी। उसने मुसलमानों से जनगणना फॉर्म भरते समय अपनी सही जाति का विवरण देने और उन मौलवियों या विपक्षी नेताओं के बहकावे में न आने की अपील की, जो कथित तौर पर लोगों से जाति के बजाय अपना धर्म बताने का आग्रह कर रहे हैं।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने इस कदम को "ऐतिहासिक और क्रांतिकारी" बताते हुए कहा, "हम आगामी जाति-आधारित जनगणना के बारे में जानकारी का खासकर मुस्लिम समुदाय के भीतर प्रसार करने के लिए जल्द ही एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करेंगे।" भाजपा नेता ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी धार्मिक नेता मुसलमानों को जाति के स्थान पर 'इस्लाम' लिखने के लिए कहकर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे इस कवायद का मूल उद्देश्य ही विफल हो जाएगा। अली ने कहा, "यह जाति जनगणना है, धार्मिक जनगणना नहीं।"
उन्होंने कहा, "जाति संस्कृति का हिस्सा है, धर्म का नहीं।" उन्होंने मुसलमानों से इस तरह के किसी भी गलत सूचना अभियान के खिलाफ़ दृढ़ता से खड़े होने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 85 प्रतिशत मुस्लिम आबादी पसमांदा (पिछड़े और हाशिए पर पड़े) समुदायों की है, जिन्हें जाति जनगणना के आंकड़ों से काफी लाभ होगा। अली ने विपक्षी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय को ऐतिहासिक रूप से गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "लेकिन इस बार, मुसलमानों ने उनकी चालों को समझ लिया है और अब वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पीछे एकजुट हो रहे हैं।" अली ने घोषणा की कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सुनिश्चित करेगा कि जाति जनगणना के बारे में सही जानकारी राज्य के हर घर तक पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं तक पहुंचने के उद्देश्य से एक बड़ा डिजिटल अभियान चलाने की योजना है, जो मुस्लिम युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना को प्रज्वलित करेगा।
उन्होंने कहा, "इस जनगणना के लिए मुसलमानों में उत्साह साफ तौर पर दिखाई देगा। भाजपा हाशिए पर पड़े सभी समुदायों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और यह समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।" सरकार ने सोमवार को भारत की 16वीं जनगणना 2027 में करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसमें जाति गणना भी शामिल होगी। 2011 में पिछली जनगणना के 16 साल बाद यह कवायद की जाएगी