कोल जाति को एसटी में शामिल करने की मांग का समर्थन करने पहुंचे संजय सिंह, कहा-इससे 45 लाख लोगों को मिलेगा लाभ 

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

प्रयागराज, अमृत विचार।  आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कोल जाति को एससी से हटाकर एसटी में शामिल करने की मांग का समर्थन किया है। अपना मंच डेमोक्रेटिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रज्जन कोल के धरने को समर्थन देने प्रयागराज पहुंचे संजय सिंह ने कहा है कि कोल जाति को यूपी में जहां एससी का दर्जा मिला हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों में एसटी में रखा गया है।

उन्होंने कहा है कि आम आदमी पार्टी यूपी के मिर्जापुर, बांदा, चित्रकूट, ललितपुर और प्रयागराज समेत विभिन्न जिलों में रहने वाले 45 लाख से ज्यादा कोल बिरादरी की इस मांग का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि कोल और मुसहर जाति के लोग जंगलों में रहते हैं। लेकिन उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा न दिया जाना घोर अन्याय है। उन्होंने कहा है कि 21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में संसद में भी वह इस मामले को उठाएंगे। 

इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर से महाकुंभ में हुई भगदड़ में मौतों के आंकड़े को लेकर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 82 परिवारों ने यह कहा है कि उनके परिवार के सदस्य महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को यूपी पुलिस ने उनके घर जाकर पांच- पांच लाख रुपए देने का भी प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 5 लाख देकर यह कहा गया कि पीड़ित परिवार यह बयान दें कि आपके परिजन भगदड़ में नहीं मारे गए। 

संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ हादसे का सबसे दु:खद पहलू यह है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता के एन गोविंदाचार्य के सगे भाई वासुदेवाचार्य की भी महाकुंभ भगदड़ में मौत हुई और उनके भी शव को लावारिस में डाल दिया गया। उन्होंने कहा है कि भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े को छिपाने के लिए बीजेपी इतना नीचे गिर गई कि अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और आरएसएस के प्रचारक रहे के एन गोविंदाचार्य के सगे भाई को लावारिस की सूची में दिखा दिया। 

उन्होंने कहा है कि बीजेपी की संवेदनहीनता यह दिखाती है कि वह जब अपने नेता की नहीं हुई तो आम लोगों की क्या होगी। आप सांसद ने महाकुंभ भगदड़ की वृहद जांच की मांग की है। उन्होंने मौत के आंकड़े छिपाने का अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई और उन्हें जेल में डाले जाने की मांग की है। 

वहीं अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ किए जाने की मांग को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखे जाने पर संजय सिंह ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी रोज इस तरह के नए-नए हथकंडे अपनाती है।

बीजेपी टीवी पर इन मुद्दों को लेकर बहस चलवाना चाहती है। उन्होंने कहा है कि आम आदमी पार्टी का इन मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं यूपी के लोगों से कहना चाहता हूं कि क्या नाम बदलने से आपके बेटे को नौकरी मिल जाएगी। अच्छा स्कूल आपके इलाके में बन जाएगा। आपकी टूटी हुई सड़कें बन जाएंगी। आपको 24 घंटे बिजली मिलेगी। आपकी जिंदगी में बदलाव आएगा, फसल का दाम मिलने लगेगा। तब आप ऐसे मुद्दों पर खुश रहिए, लेकिन अगर आपको लगता है कि यह बीजेपी की ड्रामेबाजी है। तो आप अपने मुद्दों पर सड़क पर उतरकर सरकार से सवाल पूछिए।

 2027 को लेकर आम आदमी पार्टी की तैयारी के सवाल पर सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अभी पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। संकल्प शिविर और कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए पार्टी संगठन को मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का फोकस 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव पर है। संजय सिंह ने दावा किया है उनकी पार्टी अकेले दम पर पंचायत चुनाव लड़ेगी। हालांकि संजय सिंह ने योगी सरकार के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता से कराने की बात कही गई है। उन्होंने कहा है जहां तक 2027 के विधानसभा चुनाव का सवाल है इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा है कि 2026 पंचायत चुनाव के बाद ही पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव पर विचार करेगी। 

वहीं यूपी में रिक्त दो लाख शिक्षकों के पदों को भरे जाने की मांग के सवाल पर कहा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों ने उन्हें ज्ञापन दिया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे जाने और पूर्व की भर्तियों में रिक्त पदों को लेकर छात्रों के आंदोलन के साथ आम आदमी पार्टी खड़ी है। 

यह भी पढ़ेः Iran-Israel War: इजरायल गए यूपी के 5952 कामगारों को लेकर राज्य सरकार चिंतित, 112 कंपनियों में कर रहे थे काम, बंकरों में रहने को मजबूर

संबंधित समाचार