लखीमपुर खीरी: दुधवा में बनेंगे दो नए पुनर्वास केंद्र...वन्यजीवों का होगा संरक्षण

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Published By Monis Khan
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुधवा नेशनल पार्क में गैंडों और अन्य विलुप्त हो रहे वन्य जीवों की प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। इसके तहत दुधवा नेशनल पार्क में 1.5 करोड़ रुपये की लागत से गैंडों के लिए दो नए पुनर्वास केंद्र बनाए जाएंगे। इसके बनने से गैंडों के साथ अन्य विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे वन्यजीव सुरक्षित होंगे और उन्हें प्राकृतिक आवास मिलेगा।

दुधवा नेशनल पार्क एक प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्य हैं। 490.3 वर्ग किलोमीटर में भारत-नेपाल सीमा पर फैले इस अभ्यारण्य में बारहसिंघा, बाघ, गैंडा, तेंदुआ, हाथी आदि तमाम वन्य जीवों का बसेरा है। यह पार्क एक सींग वाले गैंडे के लिए भी विख्यात है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुधवा की जैव विविधता संरक्षित करने और वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करने के लिए महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृत दी है। इस योजना के तहत दुधवा में गैंडों के लिए दो नए पुनर्वास केंद्र बनाए जाएंगे। यह सेंटर पहले से मौजूद आरआरसी-1 और आरआरसी-दो की तर्ज पर बनेंगे। इन सेंटरों के बनने से गैंडों को खुला वन क्षेत्र मिलेगा और उनकी विशेष निगरानी हो सकेगी। 

इससे यह फायदा होगा कि उनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति बनीं रहेगी और वह विकसित हो सकेंगे। साथ ही इन केंद्रों से अन्य विलुप्त हो रहे वन्यजीवों को भी संरक्षण मिलेगा। शासन से स्वीकृत 1.5 करोड़ में से 1.27 करोड़ रुपये की राशि गैंडों के प्राकृतिक आवास के रखरखाव पर खर्च होगी। सात लाख रुपये वन्य जीवों की दवाओं और विभिन्न प्रकार के रसायनों पर वहन की जाएगी। 4.8 लाख रुपये निर्माण और तीन लाख रुपये छोटे ढांचे पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा मशीनों, उपकरणों और निगरानी आदि पर सात लाख रुपये का खर्च होगा।

योजना से यह होगा फायदा
राइनो रिहैबिलिटेशन सेंटर बन जाने से अवैध शिकार को रोकने में काफी मदद मिलेगी। गैंडों के अवैध व्यापार पर भी अंकुश लगेगा। इसके साथ ही निगरानी तंत्र भी और अधिक मजबूत हो जाएगा। यह योजना गैंडों की संख्या बढ़ाने में सहायक होगी। साथ ही दुधवा की जैव विविधता को भी स्थायी रूप से विकसित कर समृद्ध और शक्तिशाली बनाएगी।

पार्क उपनिदेशक दुधवा टाइगर रिजर्व डॉ. रंगा राजू टी ने बताया कि दो नए राइनो रिहैबिलिटेशन सेंटर बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री ने 1.5 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी है, जो पहले से मौजूद आरआरसी-1 व आरआरसी-2 की तर्ज पर बनाए जा रहे हैं। नए सेंटरों में गैंडों को खुला वन क्षेत्र मिलेगा और विशेष निगरानी हो सकेगी। अन्य वन्यजीवों के संरक्षण को भी बल मिलेगा।

 

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