विजय माल्या की किंग फिशर पर गलत रिपोर्ट दे चुकी कंपनी... निजीकरण पर दे रही सलाह, नियामक आयोग सरकार को जल्द भेजेगा वृहद रिपोर्ट
लखनऊ, अमृत विचार। ऊर्जा निगमों के निजीकरण पर सलाह देने वाली ब्रिटेन की निजी कंपनी ग्रांट थॉर्नटन चर्चित विजय माल्या की किंग फिशर पर गलत रिपोर्ट दे चुकी है। राज्य विद्युत नियामक आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में वित्तीय खामियां के बाद सलाहकार कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, बताया जा रहा है कि नियामक आयोग सरकार को जल्द ही वृहद रिपोर्ट पेश करेगा।
निजी कंपनी के मसौदे में खामियां बताते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा कि विवादित सलाहकार कंपनी ने विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस कंपनी का मूल्यांकन बढ़ा-चढ़ाकर 3406 करोड़ बताया था, जबकि ब्रांड फाइनेंस ने इसका सही मूल्यांकन 1911 करोड़ किया था। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सलाहकार कंपनी व उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने उन वरिष्ठ अधिकारियों को चिन्हित किया जाय जिनके जरिये देश के निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी संपत्ति को कम आकलित किया गया और टेंडर के मसौदे पर नियामक आयोग से सहमति लेने की कोशिश की गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
सलाहकार कंपनी ने कम आंका ऊर्जा निगमों की सम्पत्ति को
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि निजी सलाहकार कंपनी के जरिये पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों की सम्पत्ति को कम आंका गया है। निगमों का इक्विटी शेयर कैपिटल लगभग 53,886 करोड़ है। सलाहकार कंपनी ने इक्विटी कैपिटल शेयर के आधार पर ज्यादातर इक्विटी को लॉन्ग टर्म लोन में कन्वर्ट कर मात्र 6000 से 7000 करोड़ की इक्विटी को आधार बनाया और प्रस्तावित पांच नई बिजली कंपनियां की अधिकतम रिजर्व विद प्राइस लागत 1300 से अधिकतम 1600 करोड़ बताया। इक्विटी के आधार पर इसका मूल्यांकन निकाला जाय तो कम से कम एक-एक नई बिजली कंपनी की रिजर्व विद प्राइस 3500 से 4000 करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए। निगमों की जमीन की कीमत कई अरब है। दोनों बिजली कंपनियों की एक लाख करोड़ से ज्यादा की कुल सम्पत्ति है।
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