लखीमपुर खीरी: खाद के खेल का भंडाफोड़...हरदोई जिले की उर्वरक खीरी में बेची जा रही थी

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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पसगवां, अमृत विचार। गैर जनपद की उर्वरक खीरी जिले में बेचने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। हरदोई जनपद के लिए आवंटित उर्वरक कोतवाली क्षेत्र के गांव भौनापुर में बेची जा रही थी। जिला कृषि अधिकारी लखीमपुर कार्यालय के वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप ए (कृषि ) सत्यवीर सिंह ने पसगवां थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

अप्रैल 2025 में श्रीराम फर्टिलाइजर्स एण्ड केमिकल्स लिमिटेड ( ए यूनिट आफ डीसीएम श्रीराम लिमिटेड बरेली) ग्रुप की उर्वरक हेराफेरी कर बिक्री किये जाने की शिकायत जिला कृषि अधिकारी खीरी से की गई थी। जिस पर वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप ए (कृषि) सत्यवीर सिंह ने 30 अप्रैल को ग्राम भौनापुर पहुंचकर अवैध तरीके से बिक्री करते पिकअप पकड़ी थी, जिसमें 50 किलो वजन की 34 उर्वरक की बोरी बरामद हुईं थीं। पिकअप में बरामद उर्वरक फेरस सल्फेट की मैन्युफैक्चरिंग भारत केमिकल प्रतापपुर मेरठ की है। जांच के दौरान पिकअप चालक रामवीर निवासी नवीनगर पोस्ट उमरसिया, बरेली ने टैक्स इनवाइस, ई वे बिल ट्रांसपोर्ट द्वारा बनाया गया गुड फैट दिखाया था, जिसके मुताबिक श्रीराम फेरस सल्फेट परसाखेड़ा बरेली से लाई गई थी, जिसमें सप्लायर गोडाउन मेसर्स डीसीएम श्रीराम लिमिटेड केयर आफ शिवम् वेयर हाउस बी टू रामपुर रोड, बरेली व कंसाइनी पता सुनील मेसर्स उन्नति फर्म सेंटर हरियावां गेट जनपद हरदोई दर्ज था। 

ऐसे में जो उर्वरक हरियावां हरदोई में बिक्री के लिए आई थी, वह पसगवां क्षेत्र के गांव भौनापुर में सम्बंधित फर्म द्वारा हेराफेरी करते हुए बिक्री की जा रही थी। बिल पर तीन हजार किग्रा उल्लेख है जबकि पिकअप में 50 किग्रा की 34 बोरी बरामद हुईं थीं। रिपोर्ट के अनुसार पिकअप में पाए गए उर्वरको का नमूना संग्रहीत कर उर्वरको की उर्वरक नियंत्रण आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सीज कर बरवर चौकी पुलिस के सुपुर्द कर दिया था । 

दोनों फर्मों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया। जांच में सुशील मेसर्स उन्नति फार्म सेंटर यूनिट ऑफ अक्षमाला सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड हरदोई द्वारा जनपद खीरी के ग्राम भौनापुर में किसानों को अवैध रूप से उर्वरक वितरित की गई। जिसके बाद जिला अधिकारी के अनुमोदन पर प्राविधिक सहायक ग्रुप ए सत्यवीर सिंह ने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के उल्लंघन में थाना पसगवां में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

क्या है उर्वरक नियंत्रण आदेश
उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 में निहित व्यवस्थानुसार उर्वरक प्राधिकार पत्र में अंकित चौहद्दी के अन्दर ही उर्वरकों का भण्डारण कर विक्रय किया जाता है। उर्वरक प्राधिकार पत्र में अंकित फार्म-ओ से सम्बन्धित थोक उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा ही सम्बन्धित फुटकर उर्वरक विक्रेता को उर्वरक आपूर्ति की जा सकती है। जबकि फुटकर उर्वरक विक्रेता के उर्वरक प्राधिकार पत्र पर फार्म-ओ जनपद के थोक उर्वरक विक्रेताओं के ही अंकित किये जा सकते हैं। उर्वरक प्राधिकार पत्र में बिना फार्म-ओ के अंकन कराये उर्वरकों की आपूर्ति किया जाना एवं उर्वरक प्राधिकार पत्र में अंकित चौहद्दी से इतर उर्वरकों का विक्रय किया जाना उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 का स्पष्ट उल्लंघन है।

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