लखीमपुर खीरी: बाघ के खौफ में जीने को मजबूर आधा दर्जन गांवों के लोग
केशवापुर, अमृत विचार। मोहम्मदी वनरेंज की बिलहरी बीट के करीब आधा दर्जन गांवों के लोग तीन दिन से बाघ के खौफ के साए में जी रहे हैं। सेमरई, टेड़वा, सकेथू, शेरपुर, कोड़री, जमालपुर, बसही, बांसगांव, कोरैया आदि गांवों के किसान पशुओं के लिए घास व चारा लेने नहीं जा पा रहे हैं, जिससे पशुओं के चारे की समस्या आने लगी है।
बारिश होने के बाद ज्यादातर किसान फसलों में यूरिया खाद डालते हैं, लेकिन बाघ के डर ने पैर पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया है किसान खेतों की ओर जाने से डर रहे हैं। पिछले साल भी बाघ के खौफ ने छोटे किसानों व मजदूरों को पलायन करने पर विवश कर दिया था, जिसके परिणाम स्वरूप गन्ना किसानों को फसल की देखरेख में काफी हद तक नुकसान हुआ और उत्पादन भी प्रभावित हुआ।
लगभग पिछले वर्ष की ही पुनरावृत्ति इस वर्ष भी होने जा रही है, जिसके फलस्वरूप उत्पादन भी प्रभावित होगा। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी इसका कोई संज्ञान लेते हैं। शायद उन्हें किसी बड़ी घटना होने का इंतजार है। फिलहाल सूचना पर पहुंच वनकर्मी केवल पुष्टि कर चेतावनी जारी करते नजर आ रहे हैं।
