बहराइचः शराब पिलाने के बाद करता था दुष्कर्म, फिर पहनाता था नए कपड़े, आदमखोर भेड़िया नहीं... साइको अविनाश पांडेय उठा रहा था बच्चियां

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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अमृत विचार : उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में मासूम बच्चियों को घरों से उठाकर, दरिंदगी करने वाला साइको पकड़ा गया। उसने एक सप्ताह में चार बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत की। दुष्कर्म करने से पहले बच्चियों को शराब पिलाता। नहलाकर नए पकड़े पहनाता था। उसके बाद अपनी हवस बुझाता। पिछले साल की तरह इस बार भी बच्चियों को भेड़िए उठाकर ले जा रहे हैं। इस चर्चा और दहशत के बीच पुलिस ने सीरियल दुष्कर्मी अविनाश पांडेय उर्फ सिपंल पांडेय को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में उसने बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत का अपराध कबूल लिया है। 

पुलिस ने आरोपी सिंपल पांडेय की निशानदेही पर घटनास्थल से बच्चियों के पकड़े। घटना के वक्त आरोपी द्वारा पहने गए कपड़े बरामद किए हैं। एसपी रामनयन सिंह के मुताबिक 25 जून को एक गायब बच्ची की तलाश के दौरान पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। 

28 जून से 3 जुलाई तक, उसने 4 बच्चियों को निशाना बनाया। साइको सिंपल पांडेय रात को साईकिल से गांवों में जाता। 8-10 साल की बच्चियों को बिस्तर से उठाकर सूनसान जगह पर ले जाता। वहां, उन्हें शराब पिलाता और उसके बाद दुष्कर्म करता था। अपनी हवस पूरी करने के बाद बच्चियों को दोबारा से नहलाकर नए कपड़े पहनाता था। 

पूछताछ के दौरान एक पीड़ित बच्ची पुलिस को घटनास्थल पर ले गई। उसने आरोप के हाथ और पैर पर टैटू के निशान की सूचना दी। इस बीच पुलिस ने सर्विलांस और बीटीएस के जरिये सुजौली के रहने वाले अविनाश पांडेय को ट्रैस किया। उसे बाजपुर बनकटी गांव से पकड़कर पूछताछ की तो आरोपी ने अपनी घिनौनी हरकतें स्वीकार कर लीं। 

बच्चियों को डराने से लेकर फुसलाने तक

आरोपी सिंपल पांडेय पहले तो बच्चियों को फुसलाता था। टॉफी, चॉकलेट देता। लेकिन जब वो डर के मारे रोती-बिलखतीं तो वह उनके साथ बेरहमी से पेश आता और पिटाई लगाता था। बच्चियों को डराता कि घर पर कुछ नहीं बताएं वरना जान ले लेगा। आरोपी सिंपल मजदूरी करता है। उसके पिता भी मजदूरी करते हैं। 

बहराइच के एसपी रामनयन सिंह के मुताबिक, आरोपी अविनाश उर्फ सिंपल बच्चियों को नए पकड़े पहनाता था। घटनास्थल से देशी शराब के खाली पैकेट मिले हैं। चॉकलेट, नमकीन और टॉफी के भी पैकेट बरामद किए गए।

पिछले साल था भेड़ियों का आतंक 

बहराइच में पिछले साल इसी दौरान जून-जुलाई में भेड़ियों का आतंक छाया था। आदमखोर भेड़िए गांवों में घुसकर बच्चों को उठा ले जाते थे। दर्जनों बच्चों के उठने से पूरे इलाके में रतजगा होने लगा था। बाद में वन विभाग और स्थानीय पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद इलाके से भेड़ियों का आतंक कम किया था। इस बार भी जब लगातार बच्चियां गायब होने लगीं तो ग्रामीणों को भेड़ियों के हमलों का संदेह हुआ। हालांकि अबकी जो बच्चियां गायब हो रही थीं-उनकी उम्र 8 से 10 साल तक थी। इसलिए कुछ ग्रामीण इसे दूसरी अनहोनी मान रहे थे।

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