कानपुर में बांग्लादेशी, रोहिंग्या द्वारा जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की आशंका, कई नाम संदिग्ध पाए गए, जांच के आदेश
जन्म प्रमाण पत्रों में लगे दस्तावेजों की होगी जांच - फर्जी प्रपत्र की शंका पर महापौर ने दिए आदेश -अपर नगर आयुक्त प्रथम मो. आवेश को सौंपी जांच, मिली थीं गड़बड़ियां
अमृत विचार, कानपुर। नगर निगम के कार्यालयों में जन्म-प्रमाण पत्रों के लिए आ रहे आवेदन संदेह के घेरे में हैं। इनमें बांग्लादेशी, रोहिंग्या के भी फर्जी प्रपत्र होने की संभावना है। कई नाम संदिग्ध पाए गए हैं। ऐसे में महापौर प्रमिला पांडेय ने फार्मों की जांच के आदेश दे दिए हैं। अपर नगर आयुक्त मो. आवेश को यह काम सौंपा गया है। महापौर ने कहा है कि सभी फार्मों को रजिस्टर में अंकित कराये जाने की व्यवस्था के साथ ही प्रपत्रों की गहन जाँच कराई जाए, और तय किया जाए कि फार्मों में बांग्लादेशी, रोहिग्या के फर्जी प्रपत्र तो नहीं है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट तलब की है।
नगर निगम मुख्यालय और हर जोनल कार्यालयों में रोजाना करीब एक दर्जन आवेदन जन्म प्रमाण पत्र के लिए और इतने ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आते हैं। स्कूलों के एडमिशन के समय जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। 27 जून को महापौर ने नगर निगम मुख्यालय स्थित जन्म मृत्यु कार्यालय, जोन-4 का औचक निरीक्षण किया था। इसमें पाया गया कि 178 जन्म प्रमाण-पत्र 06 माह से लम्बित थे, इसके अलावा कई प्रमाण पत्र व प्रपत्र के साथ ही रजिस्टर पाए गए। इसके बाद कार्यालय को ताला लगाकर सील कर दिया। महापौर ने जन्म प्रमाण पत्र के रजिस्टर के निरीक्षण में पाया कि रजिस्टर में प्रमाण पत्र अंकित ही नही थे। महापौर ने अपर नगर आयुक्त मो. अवेश, जगदीश यादव और जोनल अधिकारी जोन-4 राजेश सिंह को बुलाकर जोन-4 जन्म-मृत्यु कार्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मियों को हटाकर नए कर्मियों को रखने के निर्देश दिए थे।
जांच में कई नाम पाए गए संदिग्ध
महापौर प्रमिला पांडेय ने मंगलवार को अपर नगर आयुक्त को बताया कि निरीक्षण के दौरान पाए गए प्रपत्रों की जांच में कई नाम संदिग्ध प्रतीत हो रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के कई भागों में बांग्लादेशी, रोहिग्यां के जन्म प्रमाण पत्र स्थानीय निकायों से बने पाये गये है। ऐसे में सभी फार्मों को रजिस्टर में अंकित कराये जाने की व्यवस्था के साथ ही फार्मों की जाँच कराकर यह देखा जाए कि कहीं बांग्लादेशी, रोहिग्या के फर्जी प्रपत्र तो नहीं हैं। उन्होंने इस मामले में अपर नगर आयुक्त से आख्या मांगी है।
हर जोन में 250 आवेदन पेंडिंग
नगर निगम के 6 जोन हैं। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार हर विभाग में करीब 250 आवेदन पेंडिंग हैं। जो समय से बन नहीं पाएं। हालांकि इन आवेदनों में ऐसे भी कई फार्म हैं जो नियमों को पूरा नहीं कर पाए। विभागीय कर्मचारियों की माने तो अलग-अलग केस में हास्पिटल के कागज, डीएम परमीशन, सीएमओ परमीशन, गवाहों के हलफनामे लिए जाते हैं। जांच में कुछ फर्जी प्रमाण पत्र, गलत दस्तावेज पाए जाते हैं तो उन्हंि तुरंत ही कैंसिल कर दिया जाता है।
