चित्रकूट में बाढ़ का कहर: नदियां उफनाईं, घर गिरने से दो की मौत, लोगों ने हाईवे पर लगाया जाम
चित्रकूट, अमृत विचार। कई दिनों से रुक रुककर हो रही बारिश ने शुक्रवार रात रौद्र रूप धारण कर लिया। लगभग आठ घंटे हुई बरसात ने जिला मुख्यालय सहित अन्य जगहों पर जमकर तबाही मचाई। रामघाट में दुकानों तक पानी पहुंच गया। आरोग्यधाम, जानकी कुंड आदि जगहों पर पानी घरों में चला गया। भरतकूप में नाली की व्यवस्था दुरुस्त न होने से पानी ने घर-गृहस्थी के सामान को भारी नुकसान पहुंचाया। आक्रोशित लोगों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। उधर, घर ढहने से दो लोगों की मौत हो गई।
शुक्रवार रात कर्वी सहित अन्य जगहों पर अचानक बारिश तेज हो गई। मंदाकिनी नदी उफनाई तो कई इलाकों में पानी भर गया। बताया जाता है कि मंदाकिनी नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। रामघाट की सभी सीढ़ियां पूरी तरह पानी में डूब गई हैं। महाकवि तुलसीदास का ऐतिहासिक मंदिर भी जलमग्न हो गया। घाट किनारे की दुकानें पानी में डूब चुकी हैं। लोगों की कारें और बाइकें डूब गई।
जलभराव को देखते हुए नया पुल से कुछ देर को आवागमन रोका गया। कामदगिरि वार्ड नंबर 13 में बारिश के कारण गंभीर जलभराव की स्थिति बन गई है। मुख्यालय से सटे और नदी के किनारे बसे तरौंहा बाढ़ के पानी से इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया। सड़क से करीब बारह फीट तक पानी भर गया, जिससे कमरों में रखा सामान खराब हो गया। कई लोग तो छतों पर चढ़ गए।
पिपरावल नदी में बाढ़ आने से कर्वी ब्लाक से सटे कोलगदहिया के मजरे कछारपुरवा के लगभग सौ घरों में पानी घुस गया। कई घरों की कच्ची दीवारें ढह गईं। सड़कों पर लोग मवेशी बांधने लगे। सड़क से डामर निकलने लगी और गड्ढों में पानी भर गया। गुस्साए लोगों ने कुछ देर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बाधित करने की कोशिश की पर पुलिस के समझाने पर मान गए।
मंदाकिनी में बढ़े जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन, पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी उमेश चंद्र निगम, उप जिलाधिकारी पूजा साहू ने रामघाट में हालात का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कलेक्ट्रेट में बाढ़ संबंधित कंट्रोल रूम बनाया जाए। बाढ़प्रभावितों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करें।
अधिशासी अधिकारी नगर पालिका लालजी को निर्देशित किया कि जलस्तर कम होते ही सफाई कराएं और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराएं। उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने पिपरावल नाला, लोढ़वारा /बंधोइन ग्राम सभा में अतिक्रमण से हुए जलभराव को भी देखा।
रामघाट पर बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन द्वारा भोजन वितरित किया गया। प्रशासन ड्रोन की मदद से भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में नजर रख रहा है। पहाड़ी संवाददाता के अनुसार, ग्राम दुबारी में गोला (57) पुत्र रामप्रताप की कच्ची दीवार के नीचे आने से मौत हो गई।
बताया जाता है कि वह घर के अंदर पानी भर जाने पर जानवरों को वहां से निकाल कर सूखी जगह पर बांध रहा था कि तभी अचानक कच्ची दीवार ऊपर गिर गई, जिससे गोला दब गया। जब तक परिजन कुछ समझ पाते और गोला को मिट्टी के मलबे से निकालते, मौत हो चुकी थी। वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनीष कुमार ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
विकास मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर नांदी के हनुमान जी मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्थित गेडुवा नाला पुल के ऊपर पानी बहने से आवागमन ठप हो गया। थानाध्यक्ष पंकज तिवारी ने मौके पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की। बाढ़ से पहाड़ी मुख्यालय से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया।
पहाड़ी बुजुर्ग के मजरा ओबरी स्थित सेमराडी नाला में अतिक्रमण से करीब एक दर्जन घरों में पानी घुसने की खबर है। बताया जाता है कि ग्रामीणों का खानापानी कपड़े सब बर्बाद हो गए। ग्राम प्रधान रामनरेश वर्मा ने लेखपाल को फोन लगाया। आरोप है कि इसके बाद भी लेखपाल मौके पर नहीं गए।
उधर, सदाशिव (55) निवासी तमरार मजरा रसिन की भी कच्ची दीवार ढहने से दबकर मौत हो गई। मानिकपुर थानांतर्गत ठीका निवासी देशराज वर्मा पुत्र गजराज और पत्नी मुन्नी भी कच्चे घर के नीचे दबकर घायल हो गए। इनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सीतापुर संवाददाता के अनुसार, शुक्रवार को देर रात से झमाझम बारिश से बाढ़ आ गई है।
