शाहजहांपुर: चौक कोतवाली पुलिस पर मासूमों को झूठा फंसाने का आरोप
शाहजहांपुर, अमृत विचार। कोतवाली चौक पुलिस पर शहर के संभ्रांत और प्रतिष्ठित परिवारों के चार बच्चों का उत्पीड़न और आर्थिक दोहन के प्रयास के गंभीर आरोप लगे हैं। बच्चों को कथित तौर पर अवैध तरीके से हवालात में रखने और फिर पैसे वसूलने के मंसूबे से प्रताड़ित करने के विरोध में उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की एक आपातकालीन बैठक हुई, जिसमें चारों बच्चों के परिजन भी शामिल हुए।
व्यापार मंडल की ओर से कहा गया ये चारों बच्चे मनोरंजन के लिए कभी-कभी क्रिकेट खेलते हैं और पतंगबाजी करते हैं। 14 जुलाई को सुबह लगभग 7 बजे ये बच्चे करबला मैदान खन्नौत नदी के पास पतंग उड़ाने गए थे। किसी की सूचना पर डायल 112 की टीम लगभग 7:15 बजे मौके पर पहुंची। उस समय बच्चे पतंग उड़ाने के लिए कन्ने बांध रहे थे। बच्चों के पास दो चरखी और छह चरखी सद्दी थी। मौके पर मौजूद 112 डायल के पुलिसकर्मियों ने बच्चों से कहा कि उनकी शिकायत आई है कि उनके पतंग उड़ाने से रजनीश कुमार नामक किसी व्यक्ति की उंगली में घाव हो गया है। पुलिसकर्मियों ने बच्चों को कोतवाली चौक चलने को कहा जिसके बाद सभी बच्चे डायल 112 गाड़ी से कोतवाली आ गए।
परिजनों का आरोप है कि वहां पुलिसकर्मियों ने चारों बच्चों को हवालात में बंद कर दिया और उन्हें गालियां देकर मानसिक उत्पीड़न किया। पुलिसकर्मियों ने परिजनों को बुलाने का दबाव डालकर 20-20 हजार रुपये दिलाने की मांग की, साथ ही पुराने मुकदमों में नाम शामिल कर जेल भेजने की धमकियां दीं। जब पुलिस को यह पता चला कि चारों बच्चे प्रभावशाली परिवारों से हैं और उनकी आर्थिक इच्छा पूरी होने की उम्मीद असंभव है तब पुलिस ने बच्चों से मांझा-सद्दी बेचने वालों के नाम पूछे। लगभग शाम 4:15 बजे पुलिस उन दुकानदारों में से कई को, जिनके नाम बच्चों को पता नहीं थे, चीनी मांझे के साथ कोतवाली ले आई।
पुलिस पर 80 हजार मांगने का आरोप
बाद में चारों लड़कों को मेज के सामने खड़ा कर एक दर्जन मांझे की चर्खियां रखीं गईं। एक तरफ दरोगा ने एक लड़के का हाथ पकड़ा और दूसरी तरफ एक कांस्टेबल ने लड़के का हाथ पकड़कर एक अन्य कांस्टेबल से मोबाइल द्वारा फोटो खिंचवाई। परिजनों का आरोप है कि इस फोटो को बच्चों के परिवार की समाज में मान और प्रतिष्ठा को गिराने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा मीडिया में भेज दिया गया। व्यापार मंडल का कहना है कि यदि 80,000 रुपये की मांग बच्चों के परिजनों द्वारा पूरी कर दी गई होती, तो न तो फोटो खींची जाती और न ही मीडिया में प्रकाशित होती।
जब बच्चे शाम 5 बजे कोतवाली से सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में आने के लिए निकल रहे थे तभी दरोगा मनोज कुमार ने बच्चों से कहा कि अब भी अपने घर वालों को बुला लो वरना तुम सब का जीवन खराब हो जाएगा। पूरी घटना में चारों बच्चे सुबह 7:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक कोतवाली चौक में हवालात में रहे। इस बीच वे केवल कुछ मिनट के लिए मेडिकल जांच के लिए एक कांस्टेबल राजेश कुमार के साथ मेडिकल कॉलेज गए और सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में भी राजेश कुमार के साथ उपस्थित हुए। व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने पुलिस कर्मियों को निलंबित कर किसी निष्पक्ष वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराने की मांग की है। इस प्रेस वार्ता में महानगर अध्यक्ष सचिन बाथम, भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज बाथम, लकी खान, रेहान खान, सुशील दीक्षित, अखिल मिश्रा, राकेश गुप्ता और अन्य प्रमुख व्यापारी उपस्थित थे।
