कुकरैल नदी के दोनों तरफ बनेंगे path-way और वन, कब्जा मुक्त कराई 24.7 एकड़ भूमि

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Published By Anjali Singh
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 लखनऊ, अमृत विचार : कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम प्लान्टेशन/वन विकसित करेगा। इसमें नदी के किनारे लगभग 550 मीटर के स्ट्रेच में पाथ-वे बनाए जाएंगे। साथ ही हॉर्टीकल्चर, लैंडस्केपिंग, लाइटिंग व सौंदर्यीकरण आदि कार्य कराए जाएंगे। शुक्रवार को जिलाधिकारी विशाख जी ने उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के साथ अयोध्या रोड पर विकसित किये जा रहे सौमित्र वन का निरीक्षण करके यह निर्देश दिए हैं।

उपाध्यक्ष ने अवगत कराया कि प्राधिकरण द्वारा कुकरैल नदी के तट पर कब्जा मुक्त कराई 24.7 एकड़ भूमि में लगभग 14 एकड़ में सौमित्र वन विकसित किया जा रहा है। इसमें पार्क, बच्चों के लिए किड्स जोन, लॉन, ग्रीन एरिया, पाथ-वे आदि बना रहे हैं।

वन क्षेत्र की सुंदरता को निखारने के लिए हाईमास्ट व फसाड लाइटें लगेंगी। पौधों की सिंचाई के लिए स्थायी व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत पूरे वन क्षेत्र में अंडर ग्राउंड पाइप लाइन बिछाते हुए पॉप-अप स्प्रिंकलर लगाए हैं। इससे पौधों को नियमित रूप से पानी दिया जा सकेगा।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि नदी के दोनों किनारों में पौधरोपण एवं पाथ वे विकसित किया जाए। नदी के किनारे सुरक्षात्मक केसिंग लगाकर पाथ-वे का निर्माण कराएं। थीम आधारित फूलदार पौधे लगाते हुए औषधि व खाद्य वन विकसित किए जाएं। नदी के एक तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण और दूसरे किनारे पर नगर निगम यह कार्य करेगा। सौमित्र वन के निरीक्षण में नदी के किनारे बोल्डर/स्टोन पिचिंग का कार्य कराने के भी निर्देश दिए।

बेहटा नदी का सिंचाई विभाग करेगा सर्वेक्षण

जिलाधिकारी ने बेहटा नदी के पुनरुद्धार एवं जलधारा को सतत बनाए रखने के लिए जेहटा व ककराबाद स्थित प्वाइंट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत में बेहटा नदी का क्रॉस सेक्शन का सर्वेक्षण सिंचाई विभाग द्वारा कराया जाए। इससे उसकी चौड़ाई, गहराई और प्रवाह मार्ग की स्पष्ट जानकारी मिल सके।

नदी किनारे जितने तहसील और गांव से होकर नदी गुजरती है उसकी ग्रामवार लंबाई की सटीक मैपिंग कराई जाए। राजस्व विभाग से समन्वय करके नदी के किनारे की पैमाइश कराई जाए, ताकि अवैध अतिक्रमण को चिह्नित कर हटाया जा सके। सिंचाई विभाग द्वारा मॉडल सेक्शन बनाकर पुनरुद्धार के मानक तय किए जाएं जिससे नदी का प्रवाह वर्ष भर सुचारू बना रहे। वर्षा जल संचयन के लिए बेहटा नदी में उपयुक्त स्थानों पर चेक डैम बनाएं।

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