बिजली विभाग की लापरवाही से बच्चों को खतरा, हाईटेंशन लाइन की जद में 117 परिषदीय स्कूल
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में हाईटेंशन तार के नीचे 117 परिषदीय स्कूल का संचालन नौनिहालों के लिये खतरे का सबब बना हुआ है वहीं कुछ स्कूल परिसर में ट्रांसफार्मर होने के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग कई बार हाईटेंशन तार व ट्रांसफार्मर हटाने के लिए बिजली विभाग को पत्र लिख चुका है। इसके बावजूद बिजली विभाग लापरवाह बना हुआ है। इस चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे व शिक्षक हमेशा सहमे रहते हैं। विभाग ने बिजली विभाग की मांग पर उन्हें हटाने के लिए 1.37 करोड़ रुपये की मांग शासन स्तर पर की है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा रामजियावन मौर्या ने पत्रकारों को बताया कि विभाग से जिले में 2464 परिषदीय विद्यालय व 54 सहायता प्राप्त विद्यालय संचालित हो रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में 117 ऐसे विद्यालय हैं, जिनके परिसर से हाईटेंशन बिजली का तार गुजरा हुआ है। इन स्कूलों 800 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। वहीं कुछ स्कूलों में हाईटेंशन तार के साथ ट्रांसफार्मर भी स्थापित हैं। इससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे व शिक्षक हाईटेंशन तार से निकलने वाली चिनगारियों से सहमे रहते हैं। उन्होंने बताया कि जिले के मोतीचक ब्लॉक के चन्द्रशेखर आजाद लघु माध्यमिक विद्यालय बरठा टोला सज्जन छपरा में हाईटेंशन तार के साथ ट्रांसफार्मर स्थापित है।
इससे पूरे गांव को सप्लाई मिलती है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ट्रांसफार्मर से निकलने वाली चिंगारी से हमेशा बच्चों के साथ अनहोनी की आशंका बनी रहती है। इससे बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है। एक प्रधानाचार्य ने अपने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि चार बार बिजली विभाग व बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जा चुका है।
जिला समन्वयक निर्माण गौरव पांडेय ने बताया कि जिले के 117 हाईटेंशन तार वाले स्कूलों की सूची पिछले 21 अप्रैल 2022,13 सितंबर 2022, 18 फरवरी 2023, 9 मार्च 2023, 5 मई 2023 को बिजली विभाग को पत्र के जरिये भेजी जा चुकी है। इसके बावजूद तार हटवाने की दिशा में बिजली विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि तार को हटाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता राकेश रोशन कुशीनगर ने बताया कि स्कूल परिसरों से हाईटेंशन तार हटवाने में आने वाले खर्च का फंड मिलने के बाद ही उन्हें हटवाया जायेगा। शिक्षा विभाग से फंड मिलने या विभाग के पास अतिरिक्त फंड जारी होने पर ही तार को हटवाया जायेगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ रामजियावन मौर्य ने बताया कि बिजली विभाग को अनगिनत बार स्कूल परिसरों से तार हटाने के लिए पत्र स्कूलों की सूची सहित भेजा गया है। इसके बावजूद बिजली विभाग चुप्पी साधे है। बच्चों के भविष्य के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। बच्चों व शिक्षकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
