बाराबंकी : 19 साल पुराने मामले में 15 अभियुक्तों को 7-7 वर्ष सश्रम कारावास

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Published By Vinay Shukla
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2006 का लोक सेवक से मारपीट, हाईवे अवरोध का मामला, मुकदमे के दौरान पूर्व विधायक समेत दो की मृत्यु

बाराबंकी, अमृत विचार : वर्ष 2006 में थाना लोनीकटरा क्षेत्र में लोक सेवकों से मारपीट व राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित करने के गंभीर मामले में न्यायालय ने 15 अभियुक्तों को दोषी करार दिया और सभी को सात-सात वर्ष का सश्रम कारावास व प्रत्येक को 29,000 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रकरण में 16 अभियुक्तों को बरी कर दिया। वही मुकदमें की सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक समेत दो लोग दिवंगत हो गए। 

अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 अगस्त 2006 को अभियुक्तों द्वारा एक व्यक्ति को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर पुलिस बल पर लाठी-डंडों, ईंट-पत्थरों से हमला किया गया था। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। थाना लोनीकटरा में मुकदमा अपराध संख्या 175/2006 अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं व सीएलए एक्ट तथा लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

इस प्रकरण में दोषसिद्ध अभियुक्त अम्बर शरण जायसवाल, प्रहलाद शरण जायसवाल, रामपाल मल्लाह, पुष्कर जायसवाल, सत्यनाम यादव, विश्वनाथ यादव, सोहनलाल, रामनरायन, देशराज, सुभाष, बेचालाल, मनोज कुमार, उमाशंकर, राजेश कुमार यादव, एवं विभोर जायसवाल को अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-9 द्वारा सुनाए गए निर्णय में इन सभी को 7 वर्ष की सश्रम सजा एवं 29,000-29,000 के अर्थदंड से दंडित किया गया।

वहीं गुरूदीन मौर्या, महेश, रमेश, प्रमोद कुमार, वीरेन्द्र कुमार कहार, राजबहादुर, अशरफ अली, रमेश मल्लाह, मो. शकील, राजेन्द्र कुमार, आनन्द कुमार, अवधेश प्रताप शर्मा, ननकू शाहू, हरिशरण, गोलू पासी, व राजेश कुमार को अदालत ने बरी कर दिया। प्रकरण की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह ने की गई थी। गुणवत्तापूर्ण विवेचना, वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन और पैरोकारों की सशक्त पैरवी के चलते अभियुक्तों को दोषसिद्ध कर कठोर सजा दिलाई गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान हैदरगढ़ से पूर्व विधायक सुंदर लाल दीक्षित व शंकर की मृत्यु हो गई थी।

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