ये कैसी कार्रवाई?: गहना चोरी पर नहीं हुई जांच, पुलिस बोली- गंगाजल उठाओ, भगवान करेंगे फैसला
आजमगढ़, अमृत विचार : क्या जब पुलिस भी न्याय नहीं कर पाए, तो भगवान से फैसला करवाना ही एकमात्र रास्ता है?...आजमगढ़ जिले के सरावां गांव में जेवर चोरी की शिकायत लेकर पहुंचे एक पीड़ित को थाने से जो सलाह मिली, उसने पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। थानाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को कहा – “मंदिर में जाकर गंगाजल उठाओ और कसम खाओ, भगवान ही फैसला करेंगे।”
चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचा था पीड़ित : सरावां गांव के रहने वाले अजय बहादुर राम ने रविवार को थाने में तहरीर दी कि वह 7 जून को मध्यप्रदेश से अपने घर लौटे थे। उनके साथ उनकी पत्नी रेनू, भाई अरविंद और भाभी संगीता भी थे। सफर के दौरान रेनू के बैग से 7 तोला सोने के जेवरात चोरी हो गए, लेकिन बैग में रखे ₹50,000 सुरक्षित रहे। अजय बहादुर ने संदेह जताया कि उनके ही बड़े भाई अरविंद और भाभी संगीता ने जेवरात चुरा लिए। पूछने पर विवाद बढ़ा और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई।
पुलिस ने नहीं किया कोई ठोस जांच, सुझाया धार्मिक रास्ता : शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया, लेकिन जब पूछताछ में कोई नतीजा नहीं निकला तो थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने कहा कि “अब मंदिर जाओ, और गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाओ।” आश्चर्यजनक रूप से दोनों पक्षों ने मंदिर में जाकर गंगाजल उठाया, कसम खाई और भगवान के दरबार में न्याय की उम्मीद जताई।
गंभीर मामला, लेकिन जांच क्यों नहीं?
- इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुलिस अब भी वैज्ञानिक जांच और सबूतों की बजाय धार्मिक कसमें दिलाकर मामले निपटाएगी?
- सोने की चोरी कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है। इसमें पीड़ित को न्याय देने के बजाय "कसम" की सलाह देना, पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल है?
लोकल प्रशासन का पक्ष : थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने कहा कि पूछताछ में जब कोई तथ्य नहीं मिला, तो दोनों पक्षों को परंपरागत तरीके से समझाने की कोशिश की गई। उन्होंने माना कि मामला संवेदनशील है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने या फॉरेंसिक स्तर पर जांच की कोई बात सामने नहीं आई।
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