लखनऊ में दो पत्नियों के बीच दरोगा के शव को लेकर बवाल, मारपीट में बदला विवाद
पहली पत्नी के बेटे ने दूसरी पर लगाया पिता को ज़हर देने का आरोप, पुलिस ने शव पिता को सौंपा
लखनऊ,अमृत विचार : उरई जिले में तैनात दरोगा संजय कुमार पाठक की सोमवार रात अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस पर दरोगा की दो पत्नियों के परिवारों के बीच शव को लेकर तीखा विवाद हुआ, जो देखते ही देखते हाथापाई और हंगामे में बदल गया। मामला बढ़ता देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया और शव को दरोगा के पिता के हवाले कर दिया।
दरोगा की दो जिंदगियों का टकराव, एक मौत पर दो दावे : मूलरूप से जौनपुर के मछलीशहर निवासी संजय पाठक (54) वर्तमान में कोतवाली नगर, उरई में दरोगा के पद पर कार्यरत थे। वह लखनऊ के आदिलनगर में दूसरी पत्नी आराधना अंसारी और दो बेटों के साथ रहते थे। संजय ने वर्ष 2016 में आराधना से दूसरी शादी की थी, जबकि उनकी पहली पत्नी चंद्रकुमारी अपने तीन बेटियों और बेटे आशीष के साथ जौनपुर में रहती हैं।
बेटे का आरोप, दूसरी पत्नी ने पिता को ज़हर दिया गया : पहली पत्नी के बेटे आशीष ने दावा किया कि संजय ने उनकी मां से बिना तलाक लिए ही दूसरी शादी कर ली थी। उनका आरोप है कि दूसरी पत्नी आराधना ने स्लो पॉइजन देकर पिता की जान ली। उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले ही उरई पुलिस कप्तान को शिकायत दी गई थी और जांच जारी थी। जबकि आराधना अंसारी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संजय की तबीयत अचानक बिगड़ी थी और इलाज के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। उनका कहना है कि परिवार को आपसी विवाद के बजाय शांतिपूर्वक दुख साझा करना चाहिए।
पोस्टमार्टम हाउस में भिड़े परिजन : पोस्टमार्टम हाउस पर मंगलवार सुबह दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। शव को लेकर शुरू हुई बहस ने देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया। पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए मामला शांत कराया और शव को दरोगा के पिता दयाशंकर पाठक के सुपुर्द किया, जो उसे लेकर जौनपुर रवाना हो गए। डाक्टरों ने मौत की वजह स्पष्ट नहीं बताई है। रिपोर्ट के अनुसार, हार्ट और अन्य अंगों की विसरा जांच के लिए नमूने सुरक्षित रखे गए हैं। पुलिस मौत के कारणों की विस्तृत जांच करेगी।
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